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पटना में विकास की निकली ऐसी हवा, धंस गया डबल-डेकर फ्लाईओवर

यह फ्लाईओवर केवल दो महीने पहले ही जून में जनता को समर्पित किया गया था। इस फ्लाईओवर का निर्माण पटना के अशोक राजपथ को जाम से निजात दिलाने के लिए किया गया था। वीडियो में देखा जा सकता है कि फ्लाईओवर की सतह पर एक बड़ा गड्ढा बन गया है।

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Pankaj Meghwal

Aug 04, 2025

पटना में एक नया बना डबल-डेकर फ्लाईओवर, जिसकी लागत करीब 422 करोड़ रुपये थी, भारी बारिश के बाद रविवार को धंस गया। यह फ्लाईओवर केवल दो महीने पहले ही जून में जनता को समर्पित किया गया था। इस फ्लाईओवर का निर्माण पटना के अशोक राजपथ को जाम से निजात दिलाने के लिए किया गया था। वीडियो में देखा जा सकता है कि फ्लाईओवर की सतह पर एक बड़ा गड्ढा बन गया है। यह पटना का पहला एलिवेटेड कॉरिडोर है जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 11 जून को ही किया था।

इस फ्लाईओवर की लंबाई करीब 2.2 किलोमीटर है, जो गांधी मैदान के कर्बिल चौक से शुरू होकर पीएमसीएच को पार करते हुए साइंस कॉलेज तक जाता है। इसका निर्माण बिहार स्टेट ब्रिज कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन लिमिटेड ने किया था। अशोक राजपथ इलाके में इसके कुल चार लेवल होंगे—दो फ्लाईओवर टियर, नीचे एक ग्राउंड लेवल सर्विस रोड और सबसे नीचे अंडरग्राउंड मेट्रो सिस्टम। यह पटना के ट्रैफिक प्रेशर को कम करने की बड़ी योजना का हिस्सा है। लेकिन हाल के दिनों में पटना में लगातार तेज बारिश हो रही है। पिछले 24 घंटे में शहर के कई हिस्से जलमग्न हो गए हैं। कंकड़बाग, राजेन्द्र नगर, एग्जिबिशन रोड और गांधी मैदान जैसे इलाकों में पानी भर गया है। कई मुख्य सड़कों पर भी भारी जलभराव देखा गया है।

मौसम विभाग ने पटना सहित बिहार के कई जिलों के लिए अगले 48 घंटों के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है। इन जिलों में गया, जमुई, औरंगाबाद, खगड़िया, बांका, वैशाली, समस्तीपुर, शेखपुरा, लखीसराय, पूर्वी चंपारण, अरवल, पश्चिम चंपारण और नवादा शामिल हैं। रविवार को जारी जिलेवार वर्षा बुलेटिन के अनुसार, 2 अगस्त से अब तक पटना, बांका, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, बक्सर, गया, जहानाबाद, कैमूर, कटिहार, खगड़िया, मुंगेर, नालंदा और वैशाली जैसे जिलों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई है।

फ्लाईओवर के धंसने की यह घटना कई सवाल खड़े करती है—क्या निर्माण में लापरवाही हुई? क्या बारिश की इतनी तीव्रता की पहले से तैयारी नहीं थी? और सबसे अहम, क्या करोड़ों रुपये की लागत से बने इस प्रोजेक्ट की क्वालिटी की जांच सही ढंग से हुई? इन सभी सवालों के जवाब आने वाले समय में जांच के बाद सामने आ सकते हैं। लेकिन यह घटना निश्चित रूप से शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग और निर्माण की गुणवत्ता पर एक गंभीर चेतावनी है।