जबलपुर

सर्दी-जुकाम है खतरनाक


Avantika Pandey

8 August 2025

बरसात में सर्दी-जुकाम के इलाज में लापरवाही गंभीर बीमारी का कारण बन सकती है। इसका खामियाजा मरीज के कान के पर्दे में छेद होने से चुकाना पड़ सकता है।

डॉक्टर्स के अनुसार एक सप्ताह से अधिक समय तक सर्दी-जुकाम(Cold and Cough Side Effect) हो तो उसे नजरअंदाज न करें। इसकी वजह से कान के पर्दे फट सकते हैं।

जबलपुर जिला अस्पताल के ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉ. पंकज ग्रोवर ने बताया कि सर्दी-जुकाम के इलाज में देरी से कान में संक्रमण हो सकता है। सर्दी-जुकाम या बुखार के दौरान जो इंफेक्शन नाक से नहीं निकल पाता, वह कान के जरिए बाहर आता है।

डॉ. ग्रोवर ने बताया कि नवजात से लेकर 10 साल तक के बच्चों में कान के पर्दे में छेद होने के सबसे ज्यादा मामले आते हैं। इसकी मुख्य वजह सर्दी-जुकाम का समय पर पूरा इलाज नहीं कराना है।

डॉक्टरों के अनुसार जो इंफेक्शन नाक से नहीं निकल पाता है, वह कान के पास जमा होता रहता है और कान के पर्दे को फाडकऱ या छेद बनाकर बाहर आने लगता है। ऐसे में सर्दी तो एक समय पर ठीक हो जाती है, लेकिन कान के पर्दे की नई समस्या पैदा हो जाती है।