Shortcut to Weight Loss : वजन कम करना एक ऐसी लगातार चलने वाली प्रक्रिया है जिसके पीछे हम जीवन भर भागते रहते हैं। चाहे वह बेहतर स्वास्थ्य के लिए हो या सिर्फ बेहतर दिखावे के लिए, वजन कम करना हमारी टू-डू लिस्ट में काफी ऊपर होता है। साथ ही, वजन कम करना सबसे मुश्किल कामों में से एक है खासकर अगर आप जिद्दी आंतरिक चर्बी (Stubborn internal fat) कम करना चाह रहे हों। सही खानपान, कड़ी कसरत के बावजूद वजन कम करना एक मुश्किल काम है।
जब तक आप ओजेम्पिक, मौंजारो और इसी तरह की दवाओं जैसे तेज उपायों का सहारा नहीं ले रहे हों। लेकिन इनके अपने नुकसान भी हैं। मतली, उल्टी और भी बहुत कुछ लेकिन कल्पना कीजिए कि बिना मतली के वजन कम करना जो अक्सर ओजेम्पिक जैसी लोकप्रिय दवाओं को लेना असंभव बना देता है।
सिरैक्यूज विश्वविद्यालय के प्रोफे सर रॉबर्ट डॉयल के नेतृत्व में एक टीम ने एक ऐसे ब्रेन पेप्टाइड की पहचान की है जो भूख कम कर सकता है और बिना मतली या उल्टी पैदा किए ग्लूकोज नियंत्रण में सुधार कर सकता है।
सेमाग्लूटाइड (ओजेम्पिक, वेगोवी) एक मधुमेह-रोधी दवा है जिसका उपयोग टाइप 2 मधुमेह के इलाज के लिए किया जाता है और यह एक मोटापा कम करने वाली दवा भी है जिसका उपयोग लंबे समय तक वजन कम करने के लिए किया जाता है। यह ग्लूकागन जैसे हार्मोन पेप्टाइड-1 के समान एक पेप्टाइड है जिसे एक साइड चेन द्वारा संशोधित किया गया है। इसे त्वचा के नीचे इंजेक्शन द्वारा या मुंह से लिया जा सकता है।
आजकल वजन घटाने के लिए जो दवाएं (जैसे Ozempic) मिलती हैं वो दिमाग के एक खास हिस्से में मौजूद न्यूरॉन्स पर असर करती हैं। इनसे भूख तो कम हो जाती है पर अक्सर जी मिचलाने और उल्टी जैसी दिक्कतें होने लगती हैं। इसी वजह से लगभग 70% लोग एक साल के अंदर ही इन दवाओं का इस्तेमाल छोड़ देते हैं। लेकिन, Syracuse University के प्रोफेसर Robert Doyle की टीम ने एक नई खोज की है जो इस समस्या का हल हो सकती है।
ODN से TDN शोध दल ने पाया कि पश्चमस्तिष्क में एस्ट्रोसाइट्स एक प्राकृतिक पेप्टाइड, ऑक्टाडेकेन्यूरोपेप्टाइड (ODN) उत्पन्न करते हैं जो प्रयोगशाला पशुओं में भूख कम करता है और ग्लूकोज चयापचय में सुधार करता है।
चूंकि ODN स्वयं मानव उपयोग के लिए उपयुक्त नहीं है इसलिए शोधकर्ताओं ने ट्राइडेकेन्यूरोपेप्टाइड (TDN) नामक एक संशोधित रूप बनाया। जब मोटे चूहों और कस्तूरी छछूंदरों में इंजेक्ट किया गया तो TDN ने मतली या उल्टी पैदा किए बिना वजन कम किया और ब्लड शुगर को बेहतर ढंग से नियंत्रित किया।
डॉयल वर्तमान दवाओं की तुलना शुरू से ही मैराथन दौड़ने से करते हैं। भूख कम होने से पहले उन्हें कई चरणों से गुजरना पड़ता है, जिनमें से कुछ के दुष्प्रभाव भी होते हैं। इसके विपरी टीडीएन, डाउनस्ट्रीम सपोर्ट कोशिकाओं को सीधे सक्रिय करके दौड़ को बीच में ही शुरू कर देता है, और शुरुआती न्यूरॉन-केंद्रित चरणों को छोड़ देता है जो मतली या उल्टी पैदा करते हैं।
डॉ. डॉयल ने बताया कि अभी जो दवाएं हैं, वो वजन घटाने के लिए एक लंबी प्रक्रिया अपनाती हैं, जिसकी वजह से साइड-इफेक्ट्स होते हैं। लेकिन हमारा तरीका ऐसा है जैसे हम दौड़ को बीच से ही शुरू कर रहे हैं। इससे उन शुरुआती कदमों को छोड़ दिया जाता है जिनसे लोगों को परेशानी होती है।
उन्होंने आगे समझाया, अगर हम इस नए तरीके को सीधे अपना सकें तो हमें साइड-इफेक्ट्स वाली GLP-1 दवाओं का इस्तेमाल ही नहीं करना पड़ेगा या उनकी खुराक कम कर सकते हैं। इससे इन दवाओं को बर्दाश्त करना आसान हो जाएगा और वजन घटाने के संकेत सीधे और जल्दी मिलेंगे।
आगे क्या?
यह खोज मोटापे और डायबिटीज के नए उपचारों के द्वार खोलती है जो संभावित रूप से अधिक सहनीय और आसानी से अपनाए जा सकने वाले हैं। इसे वास्तविकता में बदलने के लिए कोरोनेशनबायो नामक एक नई बायोटेक कंपनी बनाई गई है। इसके पास सिरैक्यूज़ विश्वविद्यालय और पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय से लाइसेंसिंग अधिकार हैं और इसकी योजना 2026-2027 के आसपास ह्यूमन परीक्षण शुरू करने की है।
सिरैक्यूज़ यूनिवर्सिटी की इस खोज से मोटापे का इलाज पूरी तरह से बदल सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस नए शॉर्टकट की मदद से मरीजों को उल्टी और जी मिचलाने की परेशानी नहीं होगी।
इसका मतलब है कि:
मरीज लंबे समय तक इलाज करा पाएंगे और उनका जीवन भी बेहतर होगा।
TDN जैसी दवाएं ज्यादा सुरक्षित और असरदार होंगी।
पारंपरिक दवाओं की खुराक को भी कम किया जा सकेगा।
यह खोज दिमाग से जुड़ी बाकी बीमारियों के इलाज के लिए भी एक नई राह दिखा सकती है।
Published on:
12 Aug 2025 12:09 pm