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ऑस्ट्रेलिया ने तिब्बत में मानवाधिकारों और दलाई लामा के उत्तराधिकार पर उठाई आवाज

Tibet Human Rights: ऑस्ट्रेलिया ने संयुक्त राष्ट्र और संसद में तिब्बत में मानवाधिकारों के उल्लंघन और दलाई लामा के उत्तराधिकार में चीन के हस्तक्षेप की निंदा की है।

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भारत

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MI Zahir

Sep 25, 2025

Tibet Human Rights

दलाई लामा। (फाइल फोटो: एएनआई.)

Tibet Human Rights: ऑस्ट्रेलिया ने तिब्बत में मानवाधिकारों के उल्लंघन और दलाई लामा (Tibet Human Rights) के उत्तराधिकार में बाहरी हस्तक्षेप के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। सेंट्रल तिब्बत एडमिनिस्ट्रेशन (सीटीए) की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया (Australia Tibet Support) ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) के 60वें सत्र में तिब्बतियों की सांस्कृतिक और धार्मिक स्वतंत्रता पर लगाए गए प्रतिबंधों की निंदा की। ऑस्ट्रेलिया की स्थायी प्रतिनिधि क्लेयर वॉल्श ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि किसी भी सरकार को दलाई लामा (Dalai Lama Succession) जैसे धार्मिक नेताओं के चयन में दखल नहीं देना चाहिए। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कानूनों और मानदंडों का पालन करने की आवश्यकता पर जोर दिया। यह बयान तिब्बत (UN Human Rights Council) के लोगों के लिए वैश्विक समर्थन का प्रतीक है।

कैनबरा में तिब्बत के समर्थन में चर्चा

इस महीने की शुरुआत में कैनबरा में तिब्बत लॉबी दिवस के दौरान ऑस्ट्रेलियाई संसद में इस मुद्दे पर गहन चर्चा हुई। कई सांसदों और सीनेटरों ने दलाई लामा के उत्तराधिकार में चीन के संभावित हस्तक्षेप की खुलकर आलोचना की। यह चर्चा तिब्बत की सांस्कृतिक और धार्मिक स्वायत्तता को बनाए रखने के लिए ऑस्ट्रेलिया का दृढ़ संकल्प दर्शाती है।ऑस्ट्रेलियाई नेताओं ने तिब्बत के लोगों के अधिकारों और उनकी परंपराओं के संरक्षण की वकालत की, जो वैश्विक स्तर पर इस मुद्दे की गंभीरता को रेखांकित करता है।

सीनेटरों का सख्त रुख

विक्टोरिया की सीनेटर स्टेफ हॉजिन्स-मे ने ऑस्ट्रेलियाई सीनेट में कहा कि दलाई लामा का उत्तराधिकार तिब्बत और बौद्ध धर्म की पवित्र परंपरा का हिस्सा है। उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों से इस मुद्दे पर चीन के खिलाफ सैद्धांतिक रुख अपनाने का आह्वान किया। दूसरी ओर, तस्मानिया के सीनेटर निक मैककिम ने बीजिंग के तिब्बत और उसके आध्यात्मिक जीवन को नियंत्रित करने के प्रयासों की निंदा की। उन्होंने कहा कि चीनी सरकार द्वारा नियुक्त किसी भी दलाई लामा की कोई वैधता नहीं होगी। यह बयान तिब्बत की धार्मिक स्वायत्तता के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन को मजबूत करता है।

संसद में धार्मिक स्वतंत्रता पर जोर

ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधि सभा में सांसद सुज़ैन टेम्पलमैन ने भी सरकार के रुख का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि धार्मिक नेताओं के चयन में किसी बाहरी शक्ति का हस्तक्षेप अस्वीकार्य है। टेम्पलमैन ने जोर देकर कहा कि दलाई लामा के उत्तराधिकार को बौद्ध धर्म की स्थापित परंपराओं और मानदंडों के अनुसार होना चाहिए। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि मौजूदा दलाई लामा लंबे जीवन की योजना बना रहे हैं, जो तिब्बतियों के लिए आशा का प्रतीक है।

वैश्विक मंच पर तिब्बत का समर्थन

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में ऑस्ट्रेलिया का यह कदम तिब्बत के धार्मिक और सांस्कृतिक मामलों पर चीन के बढ़ते नियंत्रण के खिलाफ वैश्विक चिंता को दर्शाता है। ऑस्ट्रेलिया का यह रुख न केवल तिब्बतियों के अधिकारों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दिखाता है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी इस मुद्दे पर एकजुट होने का संदेश देता है। सीटीए ने इसे तिब्बत के लिए एक मजबूत समर्थन के रूप में देखा है, जो वैश्विक स्तर पर धार्मिक और सांस्कृतिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। (एएनआई)