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चीन में 24 घंटे तक लगातार बारिश, 15000 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया

दक्षिण-पश्चिम चीन की चोंगकिंग नगर पालिका में 24 घंटों तक लगातार बारिश होने के चलते 15,000 निवासियों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।

भारत

Himadri Joshi

Aug 11, 2025

heavy rain in china
चीन में 24 घंटे तक लगातार बारिश (फोटो - आईएएनएस )

पड़ोसी देश चीन में भी बारिश का कहर रुकने का नाम नहीं ले रहा है। तेज बारिश के चलते दक्षिण-पश्चिम चीन की चोंगकिंग नगर पालिका से करीब 15,000 निवासियों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। स्थानीय अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी है। नगर निगम के मौसम विभाग के अनुसार, 16 जिलों और काउंटियों में रविवार सुबह 7 बजे से सोमवार सुबह 7 बजे तक मूसलाधार बारिश हुई। इसमें सबसे ज्यादा 167 मिमी बारिश हेचुआन जिले में दर्ज की गई है। मौसम विज्ञान वेधशाला और जल विज्ञान निगरानी स्टेशन ने सोमवार दिन से रात तक चोंगकिंग के कई क्षेत्रों में भारी से मूसलाधार बारिश का अनुमान लगाया है।

चोंगकिंग की नदियों का बढ़ेगा जलस्तर

इसमें केंद्रीय शहरी क्षेत्र, मध्य और दक्षिण-पूर्वी हिस्से और उत्तर-पूर्वी हिस्से के दक्षिणी क्षेत्र शामिल है। एक स्थानीय समाचार एजेंसी के अनुसार, आज सुबह 8 बजे से बुधवार सुबह 8 बजे तक चोंगकिंग सभी छोटी बड़ी नदियों में जल स्तर में विभिन्न स्तरों तक वृद्धि होने का अनुमान है। इससे पहले मौसम विभाग ने रविवार से मंगलवार तक सिचुआन बेसिन में मध्यम से भारी बारिश और कुछ क्षेत्रों में भारी से मूसलाधार बारिश की चेतावनी दी थी। जिसके बाद रविवार को चीन के राष्ट्रीय बाढ़ नियंत्रण और सूखा राहत मुख्यालय ने सिचुआन प्रांत के लिए स्तर-4 बाढ़ नियंत्रण आपातकालीन प्रतिक्रिया शुरू की थी।

दशकों की सबसे भारी बारिश

चीन में इस साल दशकों की सबरे भारी बारिश हुई है। खबरों की मानें तो 150 साल बाद चीन में अगस्त के महिने में इतनी बारिश हुई है। बारिश के चलते हाल ही उत्तर-पश्चिमी गांसू प्रांत के कई हिस्सों में अचानक बाढ़ आ गई थी जिसके चलते करीब 17 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 30 से 35 लोग अभी भी लापता है। इस बाढ़ को लेकर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने उच्च स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने के आदेश दिए गए थे। चीन में जुलाई के महिने से ही भारी बारिश हो रही है, जिसके चलते कृषि भूमि को काफी नुकसान हुआ है और करोड़ों के बुनियादी ढांचे भी नष्ट हो गए है।