Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Gaza War: हमास ने UN प्रस्ताव को फेल बताया, ट्रंप प्लान पर फिलिस्तीनी मांगों की अनसुनी, सीजफायर में बाधा !

Gaza War: UNSC ने डोनाल्ड ट्रंप की गाजा योजना को मंजूर किया है, लेकिन हमास ने फिलिस्तीनी मांगों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है।

3 min read
Google source verification

भारत

image

MI Zahir

Nov 18, 2025

Gaza UN resolution

संयुक्त राष्ट्र में गाजा पर अमेरिकी मिशन। ( फोटो: X Handle / U.S. Mission to the UN.)

Gaza War: अमेरिका की तरफ से पेश गाजा शांति योजना को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (Gaza UN resolution) ने मंजूरी दे दी है। यह योजना राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अगुवाई में तैयार (Trump Gaza plan) की गई है, जिसमें गाजा पट्टी में अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल तैनात करने का प्रावधान किया गया है। लेकिन हमास ने इसे पूरी तरह खारिज कर दिया (Hamas rejection)। उनका कहना है कि यह प्रस्ताव फिलिस्तीनियों की राजनीतिक और मानवीय मांगें पूरी करने में नाकाम रहा है। हमास के प्रवक्ता ने कहा, "यह सिर्फ विदेशी हस्तक्षेप का नाम है, जो हमारी आजादी कुचलने का प्रयास है।" यूएनएससी का वोट 13-0 से पास हुआ, जिसमें चीन और रूस ने हिस्सा नहीं लिया।

बंधकों की रिहाई पहले ही शुरू हो चुकी

ट्रंप की योजना का पहला हिस्सा- 60 दिनों का युद्धविराम और बंधकों की रिहाई पहले ही शुरू हो चुकी है। अब दूसरे चरण में गाजा का पुनर्निर्माण, हथियारों का निरस्त्रीकरण और फिलिस्तीनी राज्य की दिशा में बातचीत पर जोर दिया गया है। अमेरिकी राजदूत ने इसे "शांति का नया अध्याय" बताया है, लेकिन फिलिस्तीनी पक्ष में शक की दीवार खड़ी हुई है। फिलिस्तीनी विदेश मंत्री रियाद अल-मलिकी ने मनीला से कहा कि यह शांति की लंबी यात्रा का पहला कदम है। उन्होंने ट्रंप योजना की सराहना की, लेकिन चेतावनी दी कि फिलिस्तीनी राज्य के मुद्दे पर गहराई से चर्चा जरूरी है। "युद्ध विराम के बिना कुछ नहीं हो सकता, लेकिन यह शुरुआत मात्र है।"

गाजा में इजराइली हमले थमने का नाम नहीं ले रहे( Israeli airstrikes)

युद्ध विराम के ऐलान के बावजूद गाजा में इजराइली हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। पीली रेखा के पास हवाई बमबारी और तोड़फोड़ की घटनाएं जारी हैं। गाजा सिटी के स्थानीय पत्रकार तारिक अबू अज्जुम ने रिपोर्ट किया कि सुबह से विस्फोटों की गूंज सुनाई दे रही है। नागरिकों ने बताया कि इजराइली बुलडोजर घरों को नेस्तनाबूद कर रहे हैं, जिससे फिलिस्तीनियों की वापसी और कठिन हो गई है। एक निवासी ने कहा, "युद्ध खत्म हुआ या नहीं, यह तो साफ नहीं, लेकिन हमारी जिंदगी खतरे में है।"

गाजा से फिलिस्तीनियों को लाने वाली संदिग्ध उड़ानों पर सख्ती

दक्षिण अफ्रीका ने गाजा से फिलिस्तीनियों को लाने वाली संदिग्ध उड़ानों पर सख्ती बरती है। विदेश मंत्री ने इसे इजराइल की जबरन विस्थापन की साजिश बताया। अज जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार अल-मज्द यूरोप नामक ग्रुप इजराइली-एस्टोनियाई व्यक्ति टोमर लिंड से जुड़ा हुआ है, जो फिलिस्तीनियों को बिना सुरक्षा के बाहर भेज रहा है। एक फिलिस्तीनी परिवार ने खुलासा किया कि उन्होंने हजारों डॉलर खर्च किए, लेकिन केन्या पहुंचने पर ही पता चला कि मंजिल बदल दी गई। दक्षिण अफ्रीका अब इसकी गहन जांच कर रहा है और ऐसी उड़ानों पर रोक लगा दी गई है।

गाजा के किसान उम्मीद की किरण जलाए हुए हैं(Palestinian farmers rebuild)

युद्ध की भयावहता के बीच गाजा के किसान उम्मीद की किरण जलाए हुए हैं। क्षतिग्रस्त खेतों को फिर से जोत कर वे बीज बो रहे हैं। गाजा शहर के उत्तरी इलाके में अहमद अबू हलीमा जैसे किसान बिना मशीनों के हाथों से काम कर रहे हैं। "मेरे 4.5 हैक्टेयर में फलदार पेड़ और सब्जियां उगती थीं, युद्ध ने सबकुछ बर्बाद कर दिया, लेकिन लौट कर हमने नई शुरुआत की।" गाजा की अर्थव्यवस्था में कृषि का 10% योगदान है, लेकिन 80% जमीन और 71% ग्रीनहाउस तबाह हो चुके हैं। बची खुची 5% जमीन पर भी किसान दृढ़ता से खेती कर रहे। अल जजीरा के रिपोर्टर इब्राहीम अल-खलीली ने कहा, "हर बीज सिर्फ भोजन नहीं, बल्कि सम्मान और पुनर्वास के प्रतीक हैं।"

पूर्व यूएन विशेष रिपोर्टर को घंटों हिरासत में रखा

कनाडा में मानवाधिकार कार्यकर्ता हंगामा मचा रहे हैं। पूर्व यूएन विशेष रिपोर्टर रिचर्ड फॉक (95 वर्षीय) को टोरंटो एयरपोर्ट पर "राष्ट्रीय सुरक्षा" के नाम पर घंटों हिरासत में रखा गया। फॉक ने बताया कि अधिकारियों ने उन्हें और उनकी पत्नी को "कनाडा के लिए खतरा" कहा। इंडिपेंडेंट ज्यूइश वॉयसेस-कनाडा के कोऑर्डिनेटर कोरी बालसम ने कहा, "सरकार से ऊपरी स्तर पर जवाब चाहिए।" यह घटना इजराइल समर्थक नीतियों पर सवाल उठा रही है।

स्थानीय लोग "विदेशी कब्जे का विस्तार" बता रहे

गाजा में UN प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया ज्यादातर नकारात्मक है। स्थानीय लोग इसे "विदेशी कब्जे का विस्तार" बता रहे हैं। एक फिलिस्तीनी ने कहा, "यह बल हमें बचाएगा या इजराइल के हमलों को वैध बनाएगा?" मानवीय संकट को अनदेखा करने पर गुस्सा भड़क रहा है। पश्चिमी तट पर इजराइली छापों में 7 फिलिस्तीनियों को गिरफ्तार किया गया हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बेथलेहम में 5 और जलाजोन कैम्प में 2 जनों को गिरफ्तार किया गया है ।

लाखों विस्थापित ठंड और बारिश में तंबुओं में रह रहे हैं

बहरहाल यूएन सदस्यों ने प्रस्ताव का समर्थन किया है। ब्रिटेन ने सीमाएं खोलने और सहायता पहुंचाने पर जोर दिया। फ्रांस ने शांति प्रयासों और हमास निरस्त्रीकरण का जिक्र किया। दक्षिण कोरिया ने स्थिरीकरण बल का स्वागत किया, जबकि स्लोवेनिया ने फिलिस्तीनी आत्मनिर्णय का समर्थन दोहराया। डेनमार्क ने इसे "शांति का सुनहरा मौका" बताया। गाजा का आश्रय संकट अब "युद्ध की सबसे घातक आपदा" बन चुका है। सरकारी मीडिया ने चेतावनी दी है कि लाखों विस्थापित ठंड और बारिश में तंबुओं में रह रहे हैं। खान यूनिस के मवासी इलाके में तंबू पानी में डूब रहे हैं, बच्चे जलमग्न सड़कों पर पैदल चलने के लिए मजबूर हैं। कुछ परिवार गधा गाड़ियों पर निर्भर हैं। अधिकारियों ने तत्काल सहायता करने की मांग की है।