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भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन का दावा – “ज़्यादा समय तक नहीं रहेगा अमेरिकी टैरिफ का असर”

अमेरिकी टैरिफ के असर के बारे में भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने बड़ा दावा किया है। क्या कहा है नागेश्वरन ने? आइए जानते हैं।

भारत

Tanay Mishra

Aug 14, 2025

V. Anantha Nageswara
वी. अनंत नागेश्वरन (फोटो - एएनआई)

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने कई सालों के संबंधों को ताक पर रखते हुए भारत (India) पर 25% बेस टैरिफ और 25% अतिरिक्त टैरिफ, यानी कि कुल 50% टैरिफ लगाया है। ट्रंप कह रहे हैं कि भारत के रूस (Russia) से तेल खरीदने की वजह से उन्होंने यह टैरिफ लगाया है, पर कई एक्सपर्ट्स यह दावा कर रहे हैं कि इसकी असली वजह रूस से तेल खरीदना नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) का भारत-पाकिस्तान सीज़फायर के लिए ट्रंप को क्रेडिट नहीं देना है। एक्सपर्ट्स के अनुसार इससे ट्रंप के अहंकार को ठेस पहुंची है और इसी वजह से उन्होंने भारत पर टैरिफ लगाया है। हालांकि भारत की तरफ से यह साफ कर दिया गया है कि वो अमेरिकी टैरिफ के आगे झुकेगा नहीं। इसी बीच भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार ने एक बड़ा दावा किया है।

"ज़्यादा समय तक नहीं रहेगा अमेरिकी टैरिफ का असर"

ट्रंप के टैरिफ पर बात करते हुए भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन (V. Anantha Nageswaran) ने एक बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा है कि भारत पर ट्रंप की ओर से लगाए गए 50% टैरिफ का असर ज़्यादा समय तक नहीं रहेगा। टैरिफ का असर अल्पकालिक होगा और एक या दो तिमाहियों में यह खत्म हो जाएगा।

भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार नहीं होगी धीमी

नागेश्वरन ने यह भी कहा कि ट्रंप के लगाए टैरिफ से भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी नहीं हुई हुई है और न ही होगी। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था पहले की तुलना में अब ज़्यादा मज़बूत है और ऐसे झटकों को झेलने में सक्षम है।

भारत की इकोनॉमिकल ग्रोथ रहेगी बरकरार

अमेरिकी रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल का कहना है कि ट्रंप की ओर से भारत पर लगाया गया 50% टैरिफ बेअसर साबित होगा। इस टैरिफ का भारत की इकोनॉमिकल ग्रोथ पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा और यह बरकरार रहेगी। एसएंडपी ने अपनी रिपोर्ट में कहा, भारत ट्रेड-ओरिएंटेड इकोनॉमी नहीं है। अमेरिका को जाने वाला एक्सपोर्ट भारत की जीडीपी का महज 2% है। इसके अलावा फार्मा और कंज़्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे बड़े सेक्टर पहले ही टैरिफ के दायरे से बाहर हैं। ऐसे में टैरिफ का कोई खास असर भारत पर नहीं होने वाला है।