Jessica Radcliffe Orca Attack Video: सोशल मीडिया पर एक चौंकाने वाला वीडियो वायरल (Jessica Radcliffe Orca Attack Video) हो रहा है जिसमें एक महिला को एक डॉल्फिन शो के दौरान पानी में ओर्का किलर व्हेल ( Orca killer whale)के ऊपर डांस करते देखा जा सकता है। जैसे ही दर्शक तालियाँ बजाते हैं, वह व्हेल अचानक महिला पर हमला कर देती है और उसे पानी के अंदर खींच लेती है। वीडियो में महिला की पहचान "जेसिका रैडक्लिफ" (Jessica Radcliffe) के रूप में बताई गई है, और दावा किया गया कि उसकी मौत हो गई।
हालांकि वीडियो बहुत ही रियलिस्टिक लग सकता है, लेकिन जांच में पता चला कि यह वीडियो पूरी तरह से नकली है। "जेसिका रैडक्लिफ" नाम की कोई महिला, जो मरीन ट्रेनर रही हो, उसका कोई रिकॉर्ड कहीं नहीं मिला है। इसके अलावा, जिस "पेसिफिक ब्लू मरीन पार्क" की बात की गई है, वह भी असल में कोई असली जगह नहीं है।
विशेषज्ञों और फैक्ट-चेक करने वाली वेबसाइट्स का कहना है कि यह वीडियो पूरी तरह से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से बनाया गया है। इसमें आवाज़ें, हावभाव और दृश्य इतने यथार्थवादी हैं कि लोग असली समझ लेते हैं। लेकिन तकनीकी विश्लेषण में यह साफ हुआ कि पानी की हरकतें, लोगों की प्रतिक्रिया और वीडियो का एडिटिंग पैटर्न किसी असली फुटेज से मेल नहीं खाता।
ऐसे मामलों में यदि सच में कोई दुर्घटना होती है, तो संबंधित मरीन पार्क या स्थानीय प्रशासन की ओर से तुरंत बयान आता है। लेकिन इस मामले में न तो कोई बयान आया और न ही किसी समाचार एजेंसी ने इसकी पुष्टि की। इससे साफ होता है कि यह वीडियो एक अफवाह है, जिसे केवल वायरल होने के मकसद से बनाया गया है।
इस फर्जी वीडियो को 2010 में सीवर्ल्ड में डॉन ब्रांच्यू और 2009 में एलेक्सिस मार्टिनेज की मौत जैसी सच्ची घटनाओं से जोड़ने की कोशिश की गई है। लेकिन यह केवल भ्रम फैलाने की चाल है। उन मामलों में वास्तविक प्रमाण और रिपोर्ट्स मौजूद थीं, जबकि "जेसिका रैडक्लिफ" वाली घटना का कोई आधार नहीं है।
इन वीडियो की वायरल होने की एक वजह यह भी है कि ये भावनाओं से जुड़ी होती हैं। जब कोई क्लिप एक दिल दहला देने वाली घटना को दिखाती है, तो लोग बिना जांचे उसे शेयर कर देते हैं। साथ ही, समुद्री जीवों को बंदी बनाकर रखने को लेकर लोगों में पहले से भावनाएं जुड़ी होती हैं, इसलिए ऐसे वीडियो और तेज़ी से फैलते हैं।
बहरहाल "जेसिका रैडक्लिफ" के नाम से वायरल हो रही ओर्का हमले का यह वीडियो पूरी तरह से नकली है। इसका कोई प्रमाण, रिकॉर्ड या पुष्टि नहीं हुई है। आज के समय में जब एआई तकनीक से कोई भी नकली कहानी सच की तरह पेश की जा सकती है, ऐसे में हर वीडियो पर भरोसा करने से पहले उसकी सच्चाई की जांच ज़रूर करनी चाहिए।
Updated on:
14 Aug 2025 04:02 pm
Published on:
14 Aug 2025 03:32 pm