म्यांमार (Myanmar) के पूर्व कार्यवाहक राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति मिंट स्वे (Myint Swe) का 74 वर्ष की आयु में अकस्मात निधन हो गया है। उन्होंने आज, गुरुवार, 7 अगस्त को देश की राजधानी नेपीता (Naypyitaw) के सैन्य अस्पताल नंबर-2 में अंतिम सांस ली। उनके निधन की जानकारी नेशनल डिफेंस एंड सिक्योरिटी काउन्सिल ने प्रेस रिलीज़ जारी करते हुए दी। वह पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे।
म्यांमार के नेशनल डिफेंस एंड सिक्योरिटी काउन्सिल ने जानकारी दी कि स्वे ने आज सुबह 8 बजकर 28 मिनट पर अंतिम सांस ली। स्वे का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।
सेना छोड़ने के बाद स्वे ने राजनीति में एंट्री ली। वह 2011 से 2016 तक यांगून क्षेत्र के मुख्यमंत्री रहे। 30 मार्च, 2016 को वह म्यांमार के उपराष्ट्रपति बने और 9 साल 129 दिनों तक वह देश के उपराष्ट्रपति रहे। म्यांमार के कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने दो बार कार्यभार संभाला किया। राष्ट्रपति हतिन क्याव के इस्तीफे के बाद 21 मार्च से 30 मार्च, 2018 तक, और 2021 में सेना के तख्तापलट के बाद 1 फरवरी, 2021 से 22 जुलाई, 2024 तक, जिसके दौरान उन्होंने आपातकाल की घोषणा की और तख्तापलट के नेता मिन आंग ह्लाइंग को सत्ता हस्तांतरित कर दी। जुलाई 2024 से स्वे मेडिकल लीव पर चल रहे थे। 2021 के सैन्य तख्तापलट में उनकी भूमिका अहम रही, क्योंकि उन्होंने ही मिन आंग ह्लाइंग को औपचारिक रूप से आपातकालीन शक्तियाँ प्रदान करते हुए उनका विस्तार किया।
राजनीति में एंट्री लेने से पहले स्वे, म्यांमार की सेना में अहम भूमिका निभाई थी। स्वे, 1973 से 2010 तक म्यांमार की सेना में थे। वह 1997 में सेना के ब्रिगेडियर जनरल बने और लाइट इन्फैंट्री डिवीज़न-11 की कमान संभाली। 2001 में उन्हें दक्षिण-पूर्वी कमान का कमांडर नियुक्त किया गया और बाद में यांगून कमान का, जहाँ उन्होंने यांगून डिवीज़न शांति और विकास परिषद की अध्यक्षता भी की। 2004 में जनरल खिन न्युंट के सफाए के बाद स्वे ने सैन्य सुरक्षा मामलों के प्रमुख के रूप में कार्य किया और 2006 से विशेष अभियान ब्यूरो-5 का नेतृत्व किया। 2007 की भगवा क्रांति सहित विरोध प्रदर्शनों को दबाने और 2002 में जनरल ने विन के परिवार को गिरफ्तार करने में उनकी बड़ी भूमिका रही।
Updated on:
07 Aug 2025 10:25 am
Published on:
07 Aug 2025 09:48 am