अमेरिका (United States Of America) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) इस बात से खुश नहीं हैं कि भारत (India) लगातार रूस (Russia) से तेल खरीद रहा है। ट्रंप ने इसी वजह से भारत पर 25% टैरिफ और उसके साथ अतिरिक्त 25% टैरिफ, यानी कि कुल 50% टैरिफ लगाते हुए रूस से तेल न खरीदने की धमकी दी है, लेकिन भारत की तरफ से साफ कर दिया गया है कि राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए रूस से होने संबंधों को बनाए रखते हुए कम कीमत पर तेल खरीदना जारी रखेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने साफ कर दिया है कि भारत इस मामले में झुकेगा नहीं। अब पीएम मोदी ने ऐसा 'मास्टरस्ट्रोक' खेला है, जिससे अमेरिका को बड़ा झटका लगा है।
ट्रंप के 'टैरिफ वॉर' के चलते दोनों देशों के बीच ट्रेड डील अब अधरझूल में है। बढ़ते तनाव के बीच बीच भारत ने कुछ ऐसा किया है जिससे अमेरिका को 31 हज़ार करोड़ का झटका लगा है। भारत की बड़ी एयरलाइन्स ने अमेरिका की सबसे बड़ी विमान निर्माता कंपनी बोइंग (Boeing) को पैसेंजर विमानों का ऑर्डर दिया था। इस ऑर्डर की कीमत करीब 31 हज़ार करोड़ रूपए थी। हालांकि अब ट्रंप की धमकियों का नुकसान बोइंग के साथ ही अमेरिका को भी हुआ है। भारत की तरफ से बोइंग को दिया गया 31 हज़ार करोड़ का ऑर्डर रोक दिया गया है। इससे बोइंग को तो झटका लगा है ही, अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए भी यह एक बड़ा झटका है।
अमेरिकी टैरिफ पर रूस और चीन ने भी भारत का साथ दिया है। दोनों देशों का मानना है कि भारत को यह चुनने का पूरा हक है कि वो किस देश के साथ व्यापार करना चाहता है और ट्रंप की धमकियाँ पूरी तरह नाजायज़ हैं। रूस ने भारत को पूरा समर्थन देते हुए कहा है कि दोनों देशों के संबंध समय के पैमाने पर परखे हुए हैं और काफी मज़बूत हैं और ट्रंप की धमकियों से दोनों देशों के संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। वहीं चीन ने भी भारत को पूरा समर्थन देते हुए ट्रंप की धमकियों को गलत बताया है और कहा है कि भारत पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।
पीएम मोदी 31 अगस्त को चीन जाएंगे, जो 7 साल में उनका पहला चीन दौरा होगा। इस दौरान वह चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) से भी मुलाकात करेंगे। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) भी जल्द ही भारत आएंगे और पीएम मोदी से मुलाकात करेंगे। चीन के विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi) भी इसी महीने भारत आ सकते हैं। ट्रंप की धमकियों से भारत ही नहीं, रूस और चीन भी नाराज़ हैं। ग्लोबल स्तर पर तीनों देशों का काफी ज़्यादा प्रभाव है। ऐसे में तीनों देश साथ मिलकर ट्रंप की चिंता बढ़ा सकते हैं।
Updated on:
08 Aug 2025 01:45 pm
Published on:
08 Aug 2025 01:27 pm