हथेली में समाने जितना छोटा सा बंदर 'पिग्मी मार्मोसेट'। (फोटो: द वाशिंगटन पोस्ट.)
Pygmy Marmoset: क्या आपने कभी सोचा है कि एक बंदर इतना छोटा (Pygmy Marmoset) हो सकता है कि आपकी हथेली में बैठ जाए? पिग्मी मार्मोसेट (Pygmy Marmoset) ऐसा ही नन्हा सा जीव है, जो दुनिया का सबसे छोटा बंदर (Smallest Monkey) है। इसका वजन 100 ग्राम से थोड़ा सा ज्यादा होता है, और लंबाई सिर्फ 11.7 से 15.2 सेमी के बीच होती है। ये दक्षिण अमेरिका के देशों बोलीविया, ब्राजील, कोलंबिया, इक्वाडोर और पेरू के जंगलों में पाए जाते हैं। इन्हें "फिंगर मंकी" (Finger Monkey) भी कहते हैं, क्योंकि ये उंगलियों जितने छोटे लगते हैं। इनकी क्यूटनेस ने लोगों का दिल जीत लिया है।
पिग्मी मार्मोसेट को पहचानना आसान है। इनके घने भूरे रंग के बालों में सुनहरा, स्लेटी, नारंगी-पीला और काला रंग मिला होता है। इनकी पूंछ शरीर से लंबी होती है, और उस पर खूबसूरत छल्ले बने होते हैं। ये अपने सिर को 180 डिग्री तक घुमा सकते हैं, जो हैरानी भरा है! ये 16 फीट तक छलांग लगा सकते हैं और पेड़ों के रस को पचा सकते हैं, क्योंकि उनका पेट इसके लिए बना है। यह खासियत इन्हें जंगल के माहिर बनाती है।
ये बंदर अकेले नहीं, बल्कि छोटे-छोटे परिवारों में रहना पसंद करते हैं। एक ग्रुप में एक नर, एक मादा, उनके बच्चे और कभी-कभी एक और बड़ा बंदर होता है। इनका एक-दूसरे से संपर्क ध्वनि, गंध और इशारों से होता है। मादा ही बच्चे पैदा करती है और आमतौर पर जुड़वां बच्चों को जन्म देती है, जिनका वजन हर एक का आधा औंस (लगभग 14 ग्राम) होता है। पूरा परिवार मिलकर बच्चों की देखभाल करता है, जो इनकी प्यारी आदत है। इनकी दो किस्में हैं—पूर्वी और पश्चिमी—जिनकी खूबियां लगभग एक जैसी हैं।
कई लोग सोचते हैं कि इनका छोटा आकार इन्हें अच्छा पालतू बनाता होगा, लेकिन ऐसा नहीं है। ये अपने इलाके को गंध से चिह्नित करते हैं, जो घर में गंदगी फैला सकता है। ये बहुत सामाजिक हैं और अपने परिवार के बिना खुश नहीं रहते। ऊबने पर ये शरारत भी कर सकते हैं। इसलिए विशेषज्ञ इन्हें पालने की सलाह नहीं देते, क्योंकि ये जंगली प्राणी हैं।
ये बंदर अमेजन बेसिन की नदियों के किनारे वाले जंगलों में रहते हैं, जहां बाढ़ आती है। लेकिन खेती, तेल उद्योग और घर बनाने की वजह से इनका घर सिकुड़ रहा है। Smithsonian Magazine के मुताबिक, यह इनके लिए बड़ा खतरा है। अगर इनकी रक्षा नहीं की गई, तो ये लुप्त हो सकते हैं। लोग इनके संरक्षण के लिए आवाज उठा रहे हैं, ताकि ये नन्हे जीव जिंदा रहें।
Published on:
22 Oct 2025 06:54 pm
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