क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्या है जो इंसान के दिमाग को सभी जीवों से इतना खास बनाता है? इसी गुत्थी को समझने के लिए वैज्ञानिक काफी समय से रिसर्च कर रहे थे और अब इस मामले में उन्होंने नई खोज की है। अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के सैन डिएगो स्कूल ऑफ मेडिसिन के वैज्ञानिकों ने इस विषय में एक नई खोज की है। उन्होंने डीएनए का एक छोटा लेकिन ताकतवर हिस्सा खोजा है। इसे HAR123 नाम दिया गया है।
वैज्ञानिक मानते हैं कि ह्यूमन एक्सेलेरेटेड रीजन्स (एचएआर) नाम का डीएनए स्विच इंसान के दिमाग को खास और अन्य जीवों से अलग बनाता है। इन्हीं में खास HAR123 एक तरह का वॉल्यूम कंट्रोल है। इसका काम यह तय करना है कि कौन-सा जीन कब और कितना सक्रिय होगा। इसे टीवी रिमोट जैसे समझ सकते हैं जो आवाज सबकुछ नियंत्रित करता है।
HAR123 का दिमाग से गहरा रिश्ता है। यह न्यूरल प्रोजेनिटर कोशिकाओं पर असर डालता है। ये कोशिकाएं दिमाग की सबसे ज़रूरी दो कोशिकाएं, न्यूरॉन्स और ग्लियल बनाती हैं। HAR123 सिर्फ इनकी संख्या नहीं बढ़ाता, बल्कि यह भी तय करता है कि दोनों का अनुपात कैसा होगा। यही संतुलन इंसानी दिमाग को खास बनाता है।
रिसर्च में पाया गया कि इंसानों का HAR123 और चिंपैंज़ी का HAR123 अलग-अलग तरह से काम करता है। डीएनए के एचएआर वो हिस्से हैं जिनमें इंसानों के विकास के दौरान बाकी जीवों की तुलना में बहुत ज़्यादा बदलाव हुए हैं। यह इंसानों को नई जानकारी अपनाने में मदद करते हैं। वैज्ञानिक कहते हैं कि आगे और रिसर्च से ऑटिज़्म और न्यूरोलॉजिकल समस्याओं के इलाज में मदद मिल सकती है।
Updated on:
18 Aug 2025 09:42 am
Published on:
18 Aug 2025 09:41 am