रूसी तेल आयात करने को लेकर ट्रंप प्रशासन ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है। पहले जहां अमेरिका ने भारतीय उत्पादों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया था वहीं बुधवार देर रात घोषणा कर के 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ और लगा दिया गया। इसके बाद से ही दुनिया के कई देश और बड़े नेता ट्रंप की आलोचना कर रहे है। वहीं दूसरी तरफ भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह साफ कर दिया है कि वह ट्रंप के सामने झुकेंगे नहीं और अपने देश के किसानों के हितों से समझौता नहीं करेंगे। अपने फैसलों को लेकर दुनियाभर से आलोचना झेलने के बाद अब ट्रंप को अपने ही देश में विरोध झेलना पड़ रहा है। हाल ही वरिष्ठ अमेरिकी सीनेटर ग्रेगरी मीक्स ने ट्रंप के भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की कड़ी आलोचना की है।
डेमोक्रेट सीनेटर मीक्स ने कहा कि, राष्ट्रपति का यह टैरिफ तमाशा अमेरिका और भारत के बीच दो दशकों से ज़्यादा की मेहनत से बनी मज़बूत साझेदारी को खतरे में डाल रहा है। विदेश नीति के लिए जिम्मेदार हाउस कमेटी ने एक्स पर पोस्ट शेयर कर यह जानकारी साझा की है। इसके अनुसार मीक्स ने भारत को लेकर कहा, हमारे गहरे रणनीतिक और आर्थिक संबंध है। साथ ही हमारे लोगों के बीच भी काफी मजबूत रिश्ते है। अगर दोनों देशों के बीच कोई परेशानी है तो उसे हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप आपसी सम्मान के साथ सुलझाया जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि, इससे दो दशकों में दोनों देशों के आपसी प्रयासों से सावधानीपूर्वक बनाए गए संबंधों पर दबाव पड़ेगा।
बता दें कि पिछले महीने ही ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ की घोषणा करते हुए व्यापार वार्ता रोक दी थी। इसके बाद बुधवार, 4 अगस्त को अमेरिका ने भारत पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया, जिसके बाद कुल टैरिफ दर 50 प्रतिशत हो गई। अमेरिका ने इसकी वजह भारत का रूस से तेल आयात करना बताया। जबकि भारत से ज्यादा रूसी तेल चीन आयात करता है, लेकिन ट्रंप ने उस पर टैरिफ लगाने के बाद उसे 3 महीने का समय दिया और कोई अतिरिक्त टैरिफ भी नहीं लगाया। वहीं भारत को सिर्फ 3 हफ्तों का समय दिया गया, जिसके बाद टैरिफ दोगुना कर दिया गया। यह साफ दर्शाता है कि ट्रंप भारत के साथ दोगला व्यवहार कर रहे है।
Published on:
08 Aug 2025 12:15 pm