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कौन है अमर सुब्रमण्य? भारतीय मूल के शख्स को ऐप्पल में मिली बड़ी ज़िम्मेदारी

ऐप्पल ने भारतीय मूल के अमर सुब्रमण्य को बड़ी ज़िम्मेदारी सौंपी है। आइए जानते हैं कौन है अमर सुब्रमण्य।

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भारत

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Tanay Mishra

Dec 02, 2025

Amar Subramanya

Amar Subramanya (File Photo)

दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में से एक ऐप्पल (Apple) ने सोमवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए भारतवंशी अमर सुब्रमण्य (Amar Subramanya) को बड़ी ज़िम्मेदारी सौंपी है। कंपनी ने अमर को अपनी एआई (AI) यूनिट का वाइस प्रेसिडेंट नियुक्त कर दिया है। अमर ने जॉन गियानंद्रिया (John Giannandrea) को रिप्लेस किया है, जो लंबे समय से कंपनी एग्ज़ीक्यूटिव रहे है पर 2026 में रिटायर हो रहे है। अमर अब कंपनी के सॉफ्टवेयर चीफ क्रेग फेडेरिघी (Craig Federighi) को रिपोर्ट करेंगे।

कौन है अमर सुब्रमण्य?

भारतीय मूल के अमर सुब्रमण्य बेंगलुरु से है और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रिसर्चर है। हाल ही में वह ऐप्पल से जुड़े है। इससे पहले अमर माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) में एआई के कॉर्पोरेट वाइस प्रेसिडेंट और 16 सालों तक गूगल (Google) में भी रहे जहाँ वह डीपमाइंड में जेमिनी असिस्टेंट के इंजीनियरिंग प्रमुख थे।

ऐप्पल में क्या होगी अमर की ज़िम्मेदारी?

ऐप्पल के सॉफ्टवेयर चीफ क्रेग के साथ काम करते हुए अमर कंपनी के फाउंडेशन मॉडल्स, मशीन लर्निंग रिसर्च और एआई सेफ्टी और इवैल्यूएशन का नेतृत्व करेंगे। अमर का लक्ष्य ऐप्पल की एआई स्ट्रैटेजी को मज़बूत करना होगा। एआई और एमएल रिसर्च में अमर की विशेषज्ञता और उस रिसर्च को प्रोडक्ट्स और सर्विसेज़ में एकीकृत करने में ऐप्पल के चल रहे नवाचार और भविष्य की ऐप्पल इंटेलिजेंस सुविधाओं के लिए बहुत अहम होगी।

एक और कंपनी में मिली भारतीय मूल के शख्स को बड़ी ज़िम्मेदारी

अमेरिका (United States Of America) की कई बड़ी टेक और दूसरी कंपनियों में भारतीय मूल के लोगों को बड़ी ज़िम्मेदारी मिली हुई है और अब उस लिस्ट में अमर का नाम भी जुड़ गया है। अमेरिकन टेक इंडस्ट्री में भारतीय मूल के इंजीनियर्स की अहम भूमिका है जिससे अमेरिका भी वाकिफ है। हालांकि समय-समय पर कई अमेरिकी राजनेता यह आरोप लगाते हैं कि भारतीय लोग अमेरिकियों से नौकरी छीन रहे हैं और इसके लिए वो H-1B वीज़ा को बंद करने की मांग भी उठाते हैं, लेकिन खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) भी कह चुके हैं कि H-1B वीज़ा के ज़रिए भारत समेत दूसरे देशों के टैलेंटेड लोगों का अमेरिका आना काफी अहम हैं।