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Sawan 2025 : गंगाजल के साथ शिवलिंग पर न चढ़ाएं ये चीजें

Sawan 2025 : क्या आप जानते हैं कि गंगाजल के साथ कुछ चीजें शिवलिंग पर चढ़ाना वर्जित है? अनजाने में की गई ये गलती भगवान शिव को नाराज कर सकती है। इसलिए इन बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।

भारत

Manoj Vashisth

Jul 21, 2025

Sawan 2025, Gangajal, Lord Shiva
Sawan 2025 : गंगाजल के साथ शिवलिंग पर न चढ़ाएं ये चीजें (फोटो सोर्स: AI Image@Gemini)

Sawan 2025 : सावन 2025 का दूसरा सोमवार है और शिव भक्तों के लिए सावन का सोमवार बेहद खास होता है। इस दौरान भगवान शिव की पूजा-अर्चना और जलाभिषेक का विशेष महत्व है। गंगाजल से शिवलिंग पर अभिषेक करना बहुत पुण्य का काम माना जाता है क्योंकि गंगा को भगवान शिव की जटाओं से निकला हुआ माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गंगाजल के साथ कुछ चीजें शिवलिंग पर चढ़ाना वर्जित है? अगर नहीं तो यह जानना आपके लिए बहुत जरूरी है क्योंकि अनजाने में की गई गलती भगवान शिव को अप्रसन्न कर सकती है।

Sawan 2025 : इन चीजों को गंगाजल के साथ शिवलिंग पर न चढ़ाएं

सावन का महीना आते ही चारों तरफ भक्ति का माहौल छा जाता है। शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है हर कोई अपने आराध्य भोलेनाथ को प्रसन्न करने में जुटा रहता है। इस पवित्र महीने में जलाभिषेक और रुद्राभिषेक का खास महत्व है। भक्त गंगाजल चढ़ाकर भगवान शिव का आशीर्वाद लेते हैं क्योंकि गंगा मैया को शिवजी की जटाओं से ही निकला हुआ माना जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि गंगाजल के साथ कुछ ऐसी चीजें हैं जिन्हें शिवलिंग पर चढ़ाने से बचना चाहिए? शास्त्रों में कुछ खास वस्तुओं का उल्लेख है जिन्हें गंगाजल के साथ शिवलिंग पर अर्पित करना अशुभ माना जाता है और इससे भगवान शिव नाराज भी हो सकते हैं।

ये चीजें गंगाजल के साथ शिवलिंग पर भूलकर भी न चढ़ाएं

हम अक्सर पूजा करते समय कुछ गलतियां कर जाते हैं जिनकी जानकारी हमें नहीं होती। आइए जानते हैं वे कौन सी चीजें हैं जिन्हें सावन में गंगाजल के साथ शिवलिंग पर नहीं चढ़ाना चाहिए

तुलसी के पत्ते:

आपने अक्सर भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी का महत्व सुना होगा। तुलसी को भगवान विष्णु का प्रिय माना जाता है। लेकिन शिव पुराण के अनुसार, तुलसी को शिवलिंग पर गंगाजल के साथ अर्पित नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि जालंधर राक्षस का वध करने के बाद उसकी पत्नी वृंदा (जिन्हें तुलसी का रूप माना जाता है) ने शिवजी को यह शाप दिया था कि उनकी पूजा में तुलसी का प्रयोग नहीं होगा। इसलिए तुलसी भगवान विष्णु को तो प्रिय हैं पर शिवजी को नहीं। अगर आप गंगाजल के साथ तुलसी चढ़ाते हैं तो कहा जाता है कि आपको भगवान शिव का आशीर्वाद नहीं मिलता।

कुमकुम और सिन्दूर

कुमकुम और सिन्दूर सुहाग की निशानी हैं और इन्हें देवी-देवताओं खासकर देवियों की पूजा में इस्तेमाल किया जाता है। ये नारी शक्ति के प्रतीक माने जाते हैं। वहीं शिवलिंग को भगवान शिव के पुरुष स्वरूप का प्रतीक माना जाता है। इसलिए गंगाजल के साथ कुमकुम या सिन्दूर शिवलिंग पर चढ़ाना वर्जित है। इससे शिवजी रुष्ट हो सकते हैं। भगवान शिव वैरागी और तपस्वी हैं इसलिए उन्हें इन श्रृंगार की चीजों की बजाय भस्म, बिल्वपत्र और धतूरा प्रिय है।

कच्चे चावल (अक्षत)

अक्षत यानी साबुत चावल हिन्दू धर्म में लगभग हर पूजा का अहम हिस्सा होते हैं। इन्हें पवित्र और शुद्ध माना जाता है। लेकिन जब बात शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाने की आती है तो कच्चे चावल को गंगाजल के साथ नहीं चढ़ाना चाहिए। माना जाता है कि चावल की प्रकृति ठंडी होती है और शिवजी को गर्म चीजें पसंद हैं। कुछ मान्यताओं के अनुसार, अक्षत को पूर्णता का प्रतीक माना जाता है जबकि शिवलिंग पर अपूर्ण या अधूरी वस्तुएं चढ़ाना अशुभ होता है। इसलिए, गंगाजल चढ़ाते समय चावलों से दूर रहें।

शंख से गंगाजल चढ़ाना

शंख का प्रयोग अक्सर देवी-देवताओं की पूजा में जल चढ़ाने और आरती के समय किया जाता है। शंख को बहुत पवित्र माना जाता है। लेकिन भगवान शिव की पूजा में शंख से गंगाजल चढ़ाना अनुपयुक्त माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान जब विष हलाहल निकला था तो भगवान शिव ने उसे पी लिया था। शंख की उत्पत्ति समुद्र से हुई है और क्योंकि शिवजी ने समुद्र से निकले विष को धारण किया था इसलिए शंख से जल चढ़ाना अशुभ माना जाता है। इसके बजाय तांबे के लोटे या किसी अन्य पवित्र पात्र का उपयोग करना चाहिए।

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क्यों जरूरी है सही विधि का ज्ञान?

शास्त्रों में हर पूजा की एक खास विधि बताई गई है। इन नियमों का पालन करने से पूजा का पूरा फल मिलता है और भगवान प्रसन्न होते हैं। सावन में शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाना बेहद शुभ है लेकिन अगर हम अनजाने में भी वर्जित चीजें चढ़ा दें तो उसका उल्टा असर हो सकता है.

यह जानकारी आपको अपनी पूजा को और भी शुद्ध और फलदायी बनाने में मदद करेगी। सावन में भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए सच्चे मन और सही विधि से पूजा करें।