
गोधरा. दाहोद में गैर खेती (एनए) के नकली आदेश मामले में एक साल से फरार मुख्य आरोपी रामकुमार पंजाबी उर्फ रामू पंजाबी को दाहोद पुलिस ने अहमदाबाद से गिरफ्तार किया।
वह कई महीनों से पुलिस को चकमा देकर देश के विभिन्न राज्यों में छिपता फिर रहा था। तकनीकी स्त्रोत और मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने निगरानी रखकर उसे पकड़ा। प्रारंभिक पूछताछ में रामू पंजाबी ने कई अहम खुलासे भी किए।
दाहोद में गैर खेती के नकली आदेश के जरिए सिटी सर्वे में एंट्री करवाकर सरकार के प्रीमियम की चोरी का घोटाला सामने आया था। मई 2024 में दाहोद तहसील के सांगा गांव में स्थित राजस्व सर्वे की जमीन पर नकली गैर खेती के आदेश पाए जाने पर पुलिस ने मामला दर्ज किया था।
इस संबंध में रामकुमार पंजाबी उर्फ रामू पंजाबी सहित छह आरोपी बनाए गए थे, इनमें राजस्व विभाग के उप क्लर्क और ऑपरेटर भी शामिल थे।
उस समय पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भिजवाया गया था। रामू पंजाबी पहली शिकायत दर्ज होने के बाद ही फरार हो गया था और एक वर्ष से अधिक समय तक पुलिस की पकड़ से बाहर रहा। इस दौरान पुलिस ने उसकी संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई भी की।
हाल ही में पुलिस को पक्की सूचना मिली कि रामू पंजाबी अहमदाबाद में अपने वकील से मिलने आने वाला है, निगरानी रखकर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उसे दाहोद लाकर कोर्ट में पेश किया और 14 दिन के रिमांड की मांग की। कोर्ट ने 10 दिन का रिमांड मंजूर किया।
प्रारंभिक पूछताछ में उसने बताया कि उसने सभी ज्योतिर्लिंगों के दर्शन किए और बद्रीनाथ से केदारनाथ तक पैदल यात्रा भी की। उसने कबूल किया कि अहमदाबाद में वकील से मिलने के बाद वह नर्मदा परिक्रमा के लिए जाने वाला था। उसने परिवार से पूरी तरह संबंध तोड़ लिए थे और केवल अपने वकीलों से संपर्क में था। उसने अपने पास रखे सोने को बेचकर अलग-अलग धार्मिक स्थलों की धर्मशालाओं में शरण ली थी।
Published on:
28 Oct 2025 10:28 pm
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