
अहमदाबाद. इस साल रविवार 16 नवंबर से शहनाइयों की गूंज फिर शुरू होगी। 13 दिसंबर से शुक्र अस्त होने से पहले केवल 13 दिन ही विवाह के मुहूर्त होने के कारण विवाह के बंधन में बंधा जा सकेगा।
पंडित बालकृष्ण आर दवे के अनुसार इस साल देवशयनी एकादशी पर 6 जुलाई से विवाह बंद थे। 6 नवंबर को देवउठनी एकादशी थी। सामान्यतया इस दिन के बाद विवाह के मुहूर्त शुरू होते हैं। इसके बावजूद इस साल 9 दिन तक कोई मुहूर्त नहीं थे।
इस साल अब रविवार 16 नवंबर से विवाह के मुहूर्त शुरू हो रहे हैं। 13 दिसंबर से पहले तक केवल 13 दिन ही विवाह के मुहूर्त हैं। इस दौरान इस महीने 16 नवंबर, 22 से 27 और 29 व 30 नवंबर को विवाह के बंधन में बंधा जा सकेगा। अगले महीने में 1, 3, 5 दिसंबर को भी विवाह किया जा सकेगा।
हालांकि 13 दिसंबर से 3 फरवरी तक शुक्र अस्त होने और 15 दिसंबर से 14 जनवरी तक धनार्क के कमूर्ता के कारण विवाह के मुहूर्त नहीं हैं। संभवतया पहली बार उत्तरायण से पहले ही विवाह पर ब्रेक लग जाएगा।इसके बाद अगले साल 7 फरवरी से शहनाइयों की गूंज फिर से शुरू होगी।
पंडित राजेंद्र दवे ने बताया कि इस साल 16 नवंबर से 13 दिसंबर तक केवल 13 दिन ही विवाह के मुहूर्त हैं। इस दौरान अहमदाबाद में करीब 5 हजार सहित गुजरातभर में 25 हजार शादियां होंगी।
कैटरर भूपेश प्रजापति ने बताया कि इस बार अहमदाबाद और गुजरात में विवाह समारोहों में सर्दी के दौरान राजस्थानी व्यंजनों और भोजन की विशेष मांग है। दाल-बाटी-चूरमा, मिठाई में गाजर का हलवा, मूंग की अंगूरी भोग, बादाम भोग, ड्राई फ्रूट भोग, राजस्थानी बाटी, मावा बाटीॅ, केसर बाटी को पसंद किया जा रहा है। भोजन में विशेषतौर पर कच्ची हल्दी की सब्जी, बेसन गट्टे की सब्जी की मांग ज्यादा है।
Published on:
15 Nov 2025 10:45 pm
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