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रूस में MBBS कर रहे अलवर के छात्र की मौत: बार-बार बेहोश हो रही मां, घर में 22 दिन से नहीं जला चूल्हा

बेटे अजीत चौधरी का शव रूस से भारत आने में देरी होने से परिजनों का बुरा हाल है। मां और बहन बार-बार अजीत को देखने की बात कह रही हैं। रोते-रोते दोनों के आंसू सूख चुके हैं।

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अलवर

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Santosh Trivedi

Nov 10, 2025

Death of Ajit Chaudhary

Photo- Patrika

अलवर/लक्ष्मणगढ़। बेटे अजीत चौधरी के रूस से आने की उम्मीद में मां और बहन को पहले नींद आ जाती थी, लेकिन उसका शव मिलने की सूचना के बाद उनकी नींद गायब हो गई है। बेटे की याद में पूरी रात मां-बहन बिलखती रहती है। घर में 20-22 दिनों से खाना भी नहीं बन रहा।

पड़ोसियों के घर से खाना भेजा जाता है, लेकिन वह भी परिजनों के गले नहीं उतर रहा। अजीत की मां के पास काेई भी जाता है तो वो बेटे को लाने की गुहार लगाते व विलाप करते हुए बार-बार बेहोश हो रही है।

बहन का भी ऐसा ही हाल है। यह बात बताते हुए मृतक के अन्य परिजनों की भी आंखें भर आती है। इधर अजीत के शव को मिले पांच दिन हो गए, लेकिन अभी तक पोस्टमार्टम नहीं हो पाया है।

मृतक छात्र के परिजनों का यह भी कहना है कि रूस में पोस्टमार्टम होने के बाद भी वे राजस्थान में मेडिकल बोर्ड द्वारा अजीत के शव का दोबारा पोस्टमार्टम करवाएंगे।

रूस के उफ़ा स्थित बश्किर स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे 19 अक्टूबर से लापता कफनवाड़ा गांव निवासी अजीत चौधरी (22) पुत्र रूपसिंह चौधरी का शव 19 दिन बाद गुरुवार 6 नवंबर को व्हाइट रिवर से लगते एक बांध में मिला था, लेकिन कई दिन बाद भी रूसी पुलिस जांच करने की बात कह रही है।

मृतक के चाचा भोमसिंह ने बताया की रूस स्थित भारतीय दूतावास से किसी भी प्रकार से आगे से जानकारी नहीं दी जा रही है। बार-बार कॉल करने के बाद कभी कभार ही भारतीय दूतावास में बात होती है। शव रूस से भारत आने में देरी होने से परिजनों का बुरा हाल है। मां और बहन बार-बार अजीत को देखने की बात कह रही हैं। रोते-रोते दोनों के आंसू सूख चुके हैं। इधर गांव में भी शोक का माहौल है। ग्रामीणों ने छात्र के शव को जल्द भारत लाने की मांग की है।