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सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का कैलेंडर बदलने जा रहा है। शिक्षा विभाग आगामी सत्र से निजी स्कूलों की तर्ज पर अप्रेल महीने में नया शैक्षणिक सत्र शुरू करने की तैयारी में है। हर साल जुलाई से शुरू होने वाला सत्र अब चार महीने पहले शुरू होगा। जयपुर में शिक्षक संघों और शिक्षा अधिकारियों के साथ हुई बैठक में इस प्रस्ताव पर विस्तृत मंथन हुआ।
बैठक में तय किया गया कि वार्षिक परीक्षाएं 25 मार्च तक पूरी कर परिणाम 31 मार्च तक घोषित कर दिए जाएंगे। इसके साथ ही एक अप्रेल से विद्यार्थियों को नई कक्षाओं में प्रवेश दिया जाएगा। विभाग का कहना है कि पहले किताबें देर से मिलने के कारण जुलाई-सितम्बर तक पढ़ाई सुचारू नहीं हो पाती थी, लेकिन अब पुस्तकों की आपूर्ति सत्र शुरू होने से पहले कर दी जाएगी। इससे बच्चों को शुरुआत से ही नियमित पढ़ाई का लाभ मिलेगा।
अप्रेल-मई की पढ़ाई में विद्यार्थी नई कक्षा के पाठ्यक्रम से जुड़ जाएंगे। गर्मी की छुट्टियों के बाद जब स्कूल खुलेंगे, तब तक आधार मज़बूत रहेगा। शिक्षकों का कहना है कि इससे सिलेबस पूरा करवाना आसान होगा और जुलाई के बाद की हड़बड़ी खत्म होगी। इससे शिक्षकों को भी राहत मिलेगी।
नया शैक्षणिक ढांचा लागू होने पर शिक्षण दिवसों में 40 से 50 दिन तक की बढ़ोतरी होगी। इससे सीखने का स्तर बढ़ेगा और परीक्षाओं की तैयारियों में भी सुधार आएगा। विभाग का मानना है कि एनईपी- 2020 के अनुसार विद्यालयी शिक्षा को समयबद्ध और प्रभावी बनाना जरूरी है। वहीं, बताया जा रहा है कि ग्रीष्मावकाश 12 मई से 12 जून तक हो सकता है।
स्कूलों में नया सत्र अप्रेल माह से शुरू होने के बाद बच्चों को फायदा होगा। इसके साथ ही सरकारी स्कूलों में नामांकन में इजाफा भी होगा। यह बहुत अच्छी पहल है। - महेश मेहता, जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) अलवर
बैठक में कई शिक्षक संघों ने इस मॉडल को व्यावहारिक बताते हुए शिक्षा विभाग को सुझाव भी दिए। विभाग अब कैलेंडर को अंतिम रूप देकर स्कूलों को निर्देश जारी करेगा। माना जा रहा है कि नया सत्र 2026-27 से प्रदेशभर में लागू कर दिया जाएगा। - मनोज धाभाई, प्रदेश महासचिव रेस्टा
Published on:
19 Nov 2025 12:04 pm
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