
Munga Stone Benefits : मूंगा पहनने के फायदे (फोटो सोर्स: AI image@Gemini)
Munga Stone Benefits : कोरल स्टोन, या फिर मूंगा, बाकी ज्यादातर रत्नों की तरह पत्थर नहीं है। ये असल में समुंद्र के अंदर रहने वाले छोटे-छोटे जीवों से बनता है। हजारों सालों से लोग इसे पहनते आ रहे हैं। इसका केमिकल फॉर्मूला CaCO₃ है। अगर आप इसकी हार्डनेस देखें, तो मोह्स स्केल पर ये 3 से 4 के बीच आती है। मतलब, ये उतना सख्त नहीं है, थोड़ा नरम ही है। इसकी चमक भी अलग होती है – कभी ओपेक, कभी ट्रांसलूसेंट।
असली मूंगा सस्ते में नहीं मिलता। इसकी कीमत करीब 2,000 रुपये से शुरू होती है और बढ़कर 10,000 रुपये या उससे भी ज्यादा हो सकती है। ये सब कुछ इस पर डिपेंड करता है कि मूंगा कितना साफ है, उसका रंग कैसा है, वजन कितना है, और उस पर कोई ट्रीटमेंट हुआ है या नहीं।
कोरल को नेचुरली पॉलिश करके ही उसकी असली चमक सामने आती है। इसे पॉलिश करने में काफी मेहनत लगती है, तभी इसका ग्लास जैसा लस्टर दिखता है। मूंगा कभी-कभी पूरी तरह ठोस मिलता है, तो कभी थोड़ा पोरस भी हो सकता है। रंगों की बात करें, तो मूंगा के पास वाकई कमाल के शेड्स हैं – लाल, सफेद, गुलाबी, ग्रे, नारंगी, यहाँ तक कि काला भी। वैसे, सबसे ज्यादा डिमांड रेड कोरल की ही है, जिसे प्रेशियस कोरल भी कहते हैं। असल में, मूंगा का नाम ही उसके खास गुलाबी-नारंगी और गहरे लाल रंग की वजह से पड़ा है। इन खूबसूरत रंगों के अलावा, मूंगा में ज्योतिषीय गुण भी होते हैं, इसी वजह से लोग इसे सिर्फ ज्वेलरी नहीं, बल्कि पूजा-पाठ या ज्योतिष के लिए भी खरीदते हैं।
भारतीय वैदिक ज्योतिष में लाल मूंगा की बहुत अहमियत है। ये मंगल ग्रह का रत्न है, और ऐसा माना जाता है कि इसे पहनने से इंसान के अंदर क्रिएटिविटी बढ़ती है, मन को शांति मिलती है, और किस्मत भी खुल जाती है। सलाह दी जाती है कि मंगलवार के दिन, सोने या तांबे की अंगूठी में मूंगा पहनना चाहिए – खासकर रिंग फिंगर में। मूंगा न सिर्फ पहनने वाले को ताकत और सम्मान देता है, बल्कि सेहत के लिए भी अच्छा माना जाता है।
मूंगा जनवरी, फरवरी और मार्च के महीनों से जुड़ा हुआ है, और मेष और वृश्चिक राशि वालों के लिए ये शुभ जन्म रत्न है। लेकिन, हर किसी को लाल मूंगा पहनना सही नहीं रहता। खासकर मिथुन लग्न वालों को बिना अच्छे ज्योतिषी की सलाह के मूंगा नहीं पहनना चाहिए। अब, इन दिनों एनवायरनमेंट प्रोटेक्शन के नियम सख्त हो गए हैं, तो कोरल का प्रोडक्शन भी रेगुलेट हो गया है। यही वजह है कि अब इसका ट्रेड थोड़ा कम हो रहा है।
इसमें कई बातें आती हैं। सबसे पहली बात, क्वालिटी। जितना ज्यादा लाल और चमकदार मूंगा होगा, उतना ही महंगा मिलेगा। फिर उसका वजन – बड़े साइज का मूंगा छोटे से महंगा ही होगा, अगर बाकी सब बातें एक जैसी हैं। मूंगा कहां से आया है, ये भी बहुत फर्क डालता है। बर्मी मूंगा यानी म्यांमार का मूंगा काफी पॉपुलर है। सर्टिफिकेशन भी जरूरी है – जैसे GIA या AGS जैसे बड़े संस्थान अगर सर्टिफिकेट दें तो उसकी कीमत भी बढ़ जाती है। और सबसे अहम बात, मार्केट में इस वक्त मूंगा की डिमांड क्या है – जितनी ज्यादा डिमांड, उतनी ज्यादा कीमत।
सही कीमत का अंदाजा लगाने के लिए हमेशा किसी भरोसेमंद ज्वेलर या रत्न डीलर से बात करें। वही आपको सही वैल्यूएशन बता सकता है।
मूंगा को कई नामों से जाना जाता है – मूंगा, इतालवी लाल मूंगा, जापानी लाल मूंगा, लाल मूंगा, सफेद मूंगा, प्रवाल, रक्त प्रवाल, मार्जन, विद्रुम, या फिर सिंदुजा।
Published on:
02 Dec 2025 02:11 pm
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