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पोषाहार की गुणवत्ता चखकर बताएंगी 70 हजार स्कूलों में चुनी ‘अतिथि मां’

शिक्षा विभाग की ओर से की गई पहल के तहत वे आठवीं कक्षा तक दिए जाने वाले पोषाहार को चखेंगी और स्वाद लेकर इसकी गुणवत्ता के बारे में अपनी राय देंगी।

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बारां

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Mukesh Gaur

Sep 26, 2025

शिक्षा विभाग की ओर से की गई पहल के तहत वे आठवीं कक्षा तक दिए जाने वाले पोषाहार को चखेंगी और स्वाद लेकर इसकी गुणवत्ता के बारे में अपनी राय देंगी।

शिक्षा विभाग की ओर से की गई पहल के तहत वे आठवीं कक्षा तक दिए जाने वाले पोषाहार को चखेंगी और स्वाद लेकर इसकी गुणवत्ता के बारे में अपनी राय देंगी।

शिक्षा विभाग की पहल : अब सुधरेगी पोषाहार की गुणवत्ता, जिले के 1244 स्कूलों में लागू होगी व्यवस्था

बारां. प्रदेश के करीब 70 हजार सरकारी स्कूलों में बच्चों की माताओं को इसलिए चुना गया है कि वे अब बच्चों को देने वाले पोषाहार की गुणवत्ता का चखकर बताएंगी। शिक्षा विभाग की ओर से की गई पहल के तहत वे आठवीं कक्षा तक दिए जाने वाले पोषाहार को चखेंगी और स्वाद लेकर इसकी गुणवत्ता के बारे में अपनी राय देंगी। शिक्षा विभाग ने पहली बार बच्चों की माताओं से पोषाहार पर सुझाव लेने के लिए यह प्रयास किया है। पिछले दिनों मिड डे मील की ओर से निकाले गए आदेश के अनुसार अतिथि माताओं की उपस्थिति में भोजन का वितरण होगा। माताओं के सुझावों और उपस्थिति का विवरण स्कूल के रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा। उनके सुझावों पर अमल भी किया जाएगा।

10 से 15 रुपए की जाए पोषाहार की राशि

शिक्षक संघ रेस्टा के प्रदेश उपाध्यक्ष गजराज ङ्क्षसह मोठपुर एवं अन्य शिक्षक संगठनों ने अतिथि माताओं को बुलाने की शिक्षा विभाग की इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि वर्तमान में पोषाहार के लिए दी जा रही राशि बेहद कम है। इसको बढ़ाकर प्राथमिक कक्षाओं तक के लिए 10 रुपए प्रति विद्यार्थी और उच्च प्राथमिक कक्षाओं के लिए 15 रुपए प्रति विद्यार्थी किया जाए, ताकि महंगाई के इस दौर में स्कूल या आंगनबाड़ी आने वाले बच्चों को अच्छा पोषाहार उपलब्ध कराया जा सके।

स्कूलों में मीनू बदला, पर राशि नहीं बढ़ाई

पहले विद्यालयों में संचालित मिड डे मील योजना में साप्ताहिक मीनू में दाल अथवा सब्जी में से कोई एक बनाने के निर्देश थे, लेकिन अभी हाल ही में जारी आदेश में दाल और सब्जी दोनों बनाने के निर्देश दिए गए हैं। यह पूरी तरह अव्यवहारिक है। कक्षा पहली से पांचवीं तक 6.78 रुपए और कक्षा छठी से आठवीं तक 10.17 रुपए प्रति विद्यार्थी कुङ्क्षकग कन्वर्जन कॉस्ट तय है। यह बहुत कम है। महंगाई के इस दौर में दाल और सब्जी दोनों देना असंभव है। इसको बढ़ाया जाना चाहिए।

शिक्षा निदेशालय से प्राप्त आदेशानुसार जिले के सभी स्कूलो को क्रियान्विति के निर्देश जारी कर दिए गए है। इन निर्देशों के तहत ही पोषाहार को ओर अधिक गुणवत्तापूर्ण बनाने की कवायद की गई है।
गेंदालाल रेगर, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, बारां