(सोर्स: सोशल मीडिया)
MP News: रात के दो से तीन बजे तक जगने वाले बूढ़े और जवान अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। राजधानी भोपाल समेत राज्य स्तर पर किए गए एक सर्वेक्षण में यह तथ्य सामने आया है कि भोपाल के 45 प्रतिशत लोगों की नींद की अवधि कम हो गई है। वे रात के तीन-तीन बजे तक बेमतलब जागते हैं। इसका सीधा असर सेहत पर पड़ रहा है। कम सोने से उनका दिमाग तेजी से बूढ़ा हो रहा है। कम उम्र में याददास्त कमजोर होने की शिकायत पर वे अस्पताल पहुंच रहे हैं। जबकि, राज्य के 22 प्रतिशत बुजुर्गों को नींद कम आती है। इससे वे चिड़चिड़े हो रहे हैं।
अध्ययन के अनुसार राजधानी की लगभग आधी आबादी छह घंटे से भी कम सोती हैं। कुछ लोग देर रात सोने और सुबह जल्दी जगने के कारण चार से छह घंटा ही नींद ले पाते हैं। इनमें स्कूल जाने वाले बच्चे भी शामिल हैं। सुबह बिना नींद पूरा हुए उन्हें जल्दी जगकर स्कूल जाना पड़ता है।
न्यूरो विशेषज्ञों के अनुसार जो लोग जरूरत से कम सोते हैं, उनका समय से पहले ही दिमाग सिकुडऩे लगता है। और धीरे-धीरे उनमें भूलने की प्रवृति बढ़ती जाती है। नींद की कमी मस्तिष्क की जैविक उम्र को तेजी से बढ़ाती है। इस कारण स्मृति कमजोर होने लगती है।
यदि कोई व्यक्ति आठ घंटे और कम से कम छह घंटे से कम सोता है तो वह अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहा है। आठ घंटे से कम सोने पर दिमाग का याददास्त कमजोर होने लगती है और अल्जाइमर होने का खतरा बढ़ जाता है। डॉ. आईडी चौरसिया, न्यूरोलॉजिस्ट, भोपाल
Published on:
06 Oct 2025 12:51 pm
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