
Collectors were reprimanded in MP (फोटो सोर्स : पत्रिका)
MP News: मतदाता सूची के शुद्धिकरण (एसआइआर) प्रक्रिया में लगे बीएलओ सहित अन्य सहयोगी स्टाफ की शामत आ गई है। केंद्रीय चुनाव आयोग की जिला कलेक्टरों को लगाई गई फटकार के बाद प्रदेशभर में ताबड़तोड़ एक्शन का दौर जारी है। रविवार को केंद्रीय चुनाव आयोग के अधिकारियों के साथ हुई समीक्षा बैठक के बाद सोमवार को 10 बीएलओ सहित एसआईआर प्रक्रिया में लगे 30 से ज्यादा कर्मचारियों पर निलंबन और वेतन वृद्धि रोकने की कार्रवाई की गई है। इसमें अकेले सतना जिले में 5 बीएलओ पर गाज गिरी है। इसके अलावा भोपाल और शहडोल में भी लापरवाही बरतने वाले बीएलओ को सस्पेंड किया गया। इसके बाद से बीएलओ में हड़कंप मचा हुआ है।
केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा इस बात को लेकर नाराजगी जताई गई कि एसआइआर प्रक्रिया का सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य गणना प्रपत्र को बीएलओ ऐप में डिजिटलाइज करना जरूरी है। लेकिन प्रदेश के कई जिलों में बीएलओ द्वारा एक भी प्रपत्र को डिजिटलाइज नहीं किया है। इसको लेकर शहडोल, भोपाल सहित कई जिलों के कलेक्टरों को खरी-खोटी सुननी पड़ी। अब नाराज कलेक्टर्स भी एक्शन मोड़ पर हैं। भोपाल से दो बीएलओ को सस्पेंड किया गया। तो शहडोल कलेक्टर केदार सिंह ने भी लापरवाही पर दो पर गाज गिराई। वहीं अन्य जिलों में सती बढ़ा दी गई है।
रातभर गर्भवती महिलाओं की डिलिवरी कराने के बाद सुबह सर्वे में भेज दिया जाता है। क्या हमारा परिवार नहीं? गुना जिले की आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं ने अपनी इस पीड़ा को लेकर सोमवार को धरना दिया। कार्यकर्ता-पर्यवेक्षकों ने धरना देकर सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाई।
मतदाता सूची शुद्धिकरण में लगे 65 हजार बीएलओ में हरदा जिले के एक बीएलओ ने 100 प्रतिशत अपना काम पूरा कर लिया है। जो सौ प्रतिशत काम पूरा करने वाले प्रदेश के पहले बीएलओ बने है। निर्वाचन सदन के मुताबिक टिमरनी के ग्राम खरतलान में नियुक्ति बीएलओ हंश कुमार दिलारे ने यह उपलब्धि हासिल की है।
आयोग की समीक्षा में उजागर हुई लापरवाही के बाद ताबड़तोड़ एक्शन का दौर जारी है। अकेले सतना जिले में 5 बीएलओ पर कार्रवाई करते हुए दो दिन वेतन रोकी गई है। इसके अलावा छतरपुर कलेक्टर ने नायब तहसीलदार को बिजावर विधानसभा की पूरी जानकारी नहीं होने पर एक वेतन वृद्धि रोकने के संबंध में कारण बताओ नोटिस दिया गया। वहीं बीआरसी को मतदान केंद्रों की जानकारी नहीं होने पर तलब किया गया है।
एसआइआर का बीएलओ पर इतना दबाव बढ़ता जा रहा है कि देशभर से बीएलओ के आत्महत्या करने के मामले सामने आ रहे है। दतिया जिले से भी हाल ही में एक दर्दनाक मामला सामने आया था। जहां बीएलओ बनाए गए शिक्षक उदयभान सिंह ने काम के दबाव में आकर स्कूल भवन में ही फंदे से लटककर जान दे दी थी। बता दें प्रदेश में 65 हजार से ज्यादा बीएलओ कार्यरत है, जिसमें एसआईआर की प्रक्रिया शुरू होने के बाद दर्जनों बीएलओ के खिलाफ एक्शन लिया गया है।
Published on:
18 Nov 2025 09:43 am
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