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एमपी का हर शहर अब खुद बनाएगा अपना ऑक्सीजन, तैयार किए जाएंगे नगर वन

Urban Forests : नगरीय विकास विभाग ने इसका प्रस्ताव बना लिया है। कैबिनेट की हरी झंडी का इंतजार है। शहरों की आबोहवा स्वच्छ बनाने 500 करोड़ खर्च कर नगर वन तैयार किए जाएंगे। 2030 तक एमपी के सभी शहर अपने लिए खुद ऑक्सीजोन बनाने लगेंगे।

3 min read

भोपाल

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Faiz Mubarak

Oct 05, 2025

Urban Forests

शहर खुद बनाएगा अपना ऑक्सीजन (Photo Source- Patrika)

Urban Forests :मध्य प्रदेश के बड़े शहरों की हवा घुल रहे प्रदूषण के जहर को कम करने के लिए अब राज्य सरकार दो साल पहले बजट में घोषित की गई 'नगर वन योजना' को नए रूप में शुरू करने की तैयारी कर रही है। इस योजना के तहत अगले 5 साल में 500 करोड़ खर्च कर भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर सहित अन्य शहरों में बीच में खाली सरकारी जमीन पर नगर वन विकसित किए जाएंगे।

नगर वन विकसित किए जाने के बाद संबंधित शहर के फेफड़ों की तरह काम करेंगे और प्रदूषित हवा को सोखकर ताजी ऑक्सीजन देंगे। इससे शहरों के पर्यावरण में सुधार होगा। हाल ही में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वार्षिक रिपोर्ट में सामने आया है कि, साल 2024-25 में 29 शहरों का एक्यूआई घटने के बजाय बढ़ गया है। इसके पहले ऐसे शहरों की संख्या 24 थी। इसे देखते हुए नगर वन के लिए तेजी से काम आगे बढ़ाया जा रहा है।

500 करोड़ का प्रस्ताव तय

नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने मुयमंत्री नगर वन विकास योजना के लिए 500 करोड़ का प्रस्ताव तय कर लिया है। इसे जल्द कैबिनेट में मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। कैबिनेट की हरी झंडी मिलने के बाद इस योजना को लांच किया जाएगा। प्रदेश के नगरों में अभी ढाई करोड़ से अधिक लोग रह रहे हैं और ये आबादी लगातार बढ़ रही है। इसलिए नगरों में ग्रीन कवर को बढ़ाने के लिए प्रयास शुरू किए गए हैं।

शासकीय और वन भूमि पर बनेंगे नगर वन

उल्लेखनीय है कि, नगर वन योजना दो साल पहले बजट में घोषित की गई थी। लेकिन, इस पर कुछ ही निकायों में काम हुआ है। अब बिगड़ते पर्यावरण को देखते हुए इस पर नए सिरे से काम शुरू किया जा रहा है। नई योजना के अनुसार, 2030 में शहरों की शासकीय और वन भूमि पर नगर वन विकसित होंगे। इन वनों की जिमेदारी संबंधित नगरीय निकायों को दी जाएगी। पौधरोपण और रख-रखाव की गुणवत्ता पर ही राशि निर्भर होगी।

29 शहरों में घटने के बजाय बढ़ा एक्यूआई

प्रदेश के नगरों में बढ़ती आबादी के चलते वायु प्रदूषण रोकने के लिए किए जा रहे इंतजाम और उपाय नाकाफी साबित हो रहे हैं। क्योंकि, साल 2024-25 में पिछले साल की तुलना में 29 जिला मुयालयों की हवा की गुणवत्ता सुधरने की बजाय और बिगड़ गई। यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) कम होने की बजाय और बढ़ गया है। इनमें देश का सबसे स्वच्छतम शहर इंदौर भी शामिल है। मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वर्ष 2024-25 की वार्षिक रिपोर्ट में ये तथ्य सामने आए हैं। जबकि, वर्ष 2023-24 में ऐसे नगरों की संख्या 24 थी।

हवा में बढ़ रही पीएम-10 और पीएम 2.5 की मात्रा

एमपीपीसीबी ने इन जिलों को पर्यावरण सुधार के उपाय करने के लिए पत्र भी लिखा था। शहरों में बढ़ती आबादी के कारण पेड़ काटकर हो रहे निर्माण कार्यों, बढ़ते यातायात के साथ ही सड़कों की खराब स्थिति के कारण हवा में लगातार पीएम-10 और पीएम 2.5 की मात्रा बढ़ रही है। इससे अब शहरों का ग्रीन कवर 50 त्न तक बढ़ाने का लक्ष्य तय किया गया है।

निकायों में बनेंगे ग्रीन सेल

अधिकारियों के अनुसार, इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए नगरीय निकायों में ग्रीन सेल बनाए जाएंगे। इसमें उन्हीं अधिकारियों-कर्मचारियों को रखा जाएगा, जिनकी पौधरोपण और हरियाली बढ़ाने में रुचि है। उन्हें इसका पूरा प्रशिक्षण दिया जाएगा कि, कौन से पौधे लगाए जाएं, उनके लिए किस तरह का वातावरण जरूरी है, उनकी देखरेख कैसे करना है? नगर वन विकसित करने के साथ उनकी देखरेख और रखरखाव, विकास आदि का जिमा इस ग्रीन सेल का ही होगा।

तीन किस्तों में दी जाएगी रकम

नगरीय निकायों को इसके लिए 500 करोड़ रुपए तीन किस्तों में दिए जाएंगे। पहले साल 60 प्रतिशत, दूसरे और तीसरे साल 20-20त्न राशि जारी की जाएगी। पौधों की जीवितता के अनुसार ही यह राशि जारी की जाएगी।

हरियाली बढ़ेगी और प्रदूषण घटेगा

नगरीय विकास एवं आवास के आयुक्त संकेत भोंडवे का कहना है कि, प्रदेश के शहरों का पर्यावरण सुधारने जल्द नगर वन योजना के तहत काम शुरू करने का प्लान तैयार किया है। इससे शहरों में हरियाली बढ़ेगी और प्रदूषण कम होगा।