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नेताओं को तैयार करने वाला गोखले छात्रावास खुद बदहाली में डूबा

-51 छात्रों के बीच दो शौचालय चालू, सुबह छात्रों की लंबी लाइन, खुले में नहाने और बर्तन साफ करने का मजबूर -न हॉस्टल में मेस न कॉलेज में कैंटीन, छात्र खुद ही बना रहे खाना

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भोपाल. मोतीलाल विज्ञान महाविद्यालय (एमवीएम) का ऐतिहासिक गोखले छात्रावास, जहां कभी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय जैसे छात्र रहे, आज बदहाल हालात से जूझ रहा है। 1 जून 1956 को लालबहादुर शास्त्री के कर-कमलों से शुरू हुआ यह 100 सीटर हॉस्टल अब जर्जर सुविधाओं और अव्यवस्था की मार झेल रहा है।
छात्र बताते हैं कि नहाने तक के लिए ढंग का शौचालय नहीं है। 16 शौचालय होने के बाद भी सिर्फ नीचे बने दो ही उपयोग लायक हैं। सुबह छात्रों की लंबी लाइनें लगती हैं। सीवेज चैंबर टूटे हैं, जिससे गंदा पानी अक्सर ओवरफ्लो हो जाता है। कई बार शौचालयों में खड़ा होना भी मुश्किल हो जाता है।
-खुले में नहाना मजबूरी
छात्रों को खुले में नहाना पड़ रहा है। सेकंड फ्लोर पर रहने वालों के पास बर्तन धोने की व्यवस्था तक नहीं है। उन्हें भी अपने बर्तन नीचे खुले में धोना पड़ता है। सफाई की स्थिति भी खराब है कि सफाईकर्मी सिर्फ सप्ताह में एक बार आता है, वह भी औपचारिकता निभाने।
-रहने को मजबूर, खाने का जुगाड़ अलग
यहां इस समय रीवा, सतना, सागर, ग्वालियर सहित कई जिलों से आए 51 छात्र रह रहे हैं। कई छात्रों को रूम में ही गैस चूल्हे पर खाना बनाना पड़ता है। जिनके पास गैस नहीं है, वे पुलिस मेस में 3 हजार रुपए महीने देकर खाना खाते हैं या फिर टिफिन सर्विस लगाकर अपनी पढ़ाई किसी तरह जारी रख रहे हैं।
-गिर रहा प्लास्टर
हॉस्टल की बिल्डिंग भी जगह-जगह से उखड़ रही है। प्लास्टर गिरने से चोट लगने का डर हमेशा बना रहता है। कई बार छोटे-छोटे हिस्से गिरकर छात्रों के बेड और सामान पर आ गिरते हैं। छात्रों ने सवाल उठाया है कि जिस हॉस्टल ने प्रदेश को बड़े नेता दिए, उसका रखरखाव आज इस हाल में क्यों, प्रशासन से बार-बार शिकायत की गई, लेकिन सुधार के नाम पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।