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अगले 150 घंटे ‘ताबड़तोड़ बारिश’: 11 जिलों में अतिभारी बारिश का अलर्ट, IMD ने दी चेतावनी

MP Weather: मौसम विभाग ने मध्यप्रदेश के 11 जिलों में अतिभारी बारिश के साथ तेज आंधी तूफान का अलर्ट जारी किया है...।

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heavy rain

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MP Weather: मध्यप्रदेश के कुछ जिलों से भले ही मानसून की विदाई हो चुकी है लेकिन प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में अभी भी बारिश का सिलसिला जारी है। कहीं हल्की तो कहीं तेज बारिश हो रही है रविवार को भी धार, बड़वानी, नरसिंहपुर, बैतूल, नर्मदापुरम, इंदौर, पचमढ़ी, रतलाम, उज्जैन, छिंदवाड़ा, दमोह, जबलपुर, मंडला, सागर, सिवनी जिलों में बारिश हुई है। इसी के साथ ही रविवार को जबलपुर के बरगी बांध और नर्मदापुरम के तवा डैम के गेट भी खोले गए हैं। मौसम विभाग की मानें तो अभी आने वाले कुछ दिनों तक बारिश होने की संभावना बनी हुई है।

इन जिलों में बारिश का अलर्ट

मौसम विभाग ने रविवार को अगले 24 घंटे (सोमवार की सुबह 8.30 बजे) तक के लिए जो ताजा बुलेटिन जारी किया है उसमें बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ और धार जिलों में अतिभारी बारिश की चेतावनी देते हुए येलो अलर्ट जारी किया है। इसके साथ ही बुरहानपुर, खंडवा, खरगौन, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, आगर जिलों में झंझावत और वज्रपात व झोंकेदार हवाएं 30-40 किमी. प्रतिघंटा चलने की संभावना जताते हुए येलो अलर्ट जारी किया है।

अगले 150 घंटे बिगड़ा रहेगा मौसम

मौसम विभाग नागपुर से मिली जानकारी के मुताबिक आने वाले 6 दिन यानी 4 अक्टूबर तक मध्यप्रदेश के अलग अलग हिस्सों में बारिश की संभावना बनी हुई है। जो पूर्वानुमान आरएमसी नागपुर की ओर से जारी किया गया है उसके मुताबिक 3-4 अक्टूबर को मध्यप्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है। वहीं अगर मौसम प्रणालियों की बात करें तो पश्चिम विदर्भ और आसपास के क्षेत्र पर बना हुआ निम्न दबाव का क्षेत्र लगभग पश्चिम की ओर बढ़ते हुए आज 28 सितंबर 2025 को सुबह 08:30 बजे एक चिह्नित निम्न दबाव क्षेत्र में कमजोर हो गया है, जो पश्चिम विदर्भ और उत्तर मध्य महाराष्ट्र से सटे क्षेत्रों पर स्थित है। इससे संबंधित चक्रवातीय परिसंचरण समुद्र तल से 7.6 किमी ऊपर तक फैला हुआ है और ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुका हुआ है। यह 28 से 30 सितंबर के दौरान उत्तर मध्य महाराष्ट्र, दक्षिण गुजरात और सौराष्ट्र के पार पश्चिम की ओर बढ़ता रहेगा और 1 अक्टूबर तक गुजरात तट के पास उत्तर-पूर्वी अरब सागर में एक निम्न दबाव क्षेत्र के रूप में उभर सकता है।