
आसियान देशों के राजदूतों ने एमपी में निवेश करने की इच्छा जताई
ASEAN - मध्यप्रदेश में निवेश के लिए राजधानी के कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन हॉल में विशेष सेमिनार आयोजित किया गया। आसियान–मध्यप्रदेश व्यापार और निवेश संवाद तथा निर्यात संवर्धन परामर्श 2025 सेमीनार में आसियान देशों के 11 राजदूतों ने प्रदेश में व्यापार और निवेश के क्षेत्र में महत्वपूर्ण चर्चा की। भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी और उद्योग जगत के प्रतिनिधि भी इसमें शामिल हुए। भारत में मलेशिया के हाई कमिश्नर एवं आसियान के चेयरपर्सन दातो मुज्जफर शाह मुस्तफा और केंद्र सरकार के विदेश मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव प्रशांत अग्रवाल ने अपने विचार व्यक्त किए। आसियान–मध्यप्रदेश व्यापार एवं निवेश संवाद में बताया गया कि एमपी से आसियान देशों के लिए निर्यात बढ़ रहा है। प्रदेश से इन देशों में दवाइयां, वस्त्र, कृषि उत्पाद भेजे जा रहे हैं।
मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा कि मध्यप्रदेश की नीतियों से निवेश और निर्यात तेज़ी से बढ़ रहा है। प्रदेश ने औद्योगिक विकास एवं निवेश फ्रेंडली माहौल बनाने के लिये 18 नई नीतियां बनाई हैं। औद्योगिक क्षेत्र, लॉजिस्टिक व्यवस्था में लगातार सुधार, निर्यात को समर्थन देने वाली संरचनाएं और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से मध्यप्रदेश, भारत के उभरते विकास मार्ग के रूप में स्थापित हो रहा है। प्रदेश ने टॉप अचीवर्स का दर्जा प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि आसियान देशों के साथ निवेश बढ़ाने के लिए पर्सन-टू-पर्सन इंटरैक्शन विशेष प्रयास किए जाएंगे।
राज्य के औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के प्रमुख सचिव राघवेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि प्रदेश में 8 हवाई अड्डे, 5 औद्योगिक कॉरिडोर, पर्याप्त बिजली क्षमता और 1000 एमसीएम औद्योगिक जल उपलब्ध होने से राज्य स्वाभाविक रूप से उद्योगों का पसंदीदा स्थान बन रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश करीब 9 करोड़ उपभोक्ताओं का बड़ा बाज़ार प्रदान करता है, जो आसियान देशों के लिए मध्य भारत में स्थित सरल पहुँच वाला महत्वपूर्ण केंद्र बनाता है।
प्रमुख सचिव राघवेन्द्र सिंह ने निर्यात से संबंधित अहम तथ्य उजागर किया। उन्होंने बताया कि आसियान देशों को मध्यप्रदेश का कुल निर्यात 566 मिलियन अमेरिकी डॉलर का है। इसमें थाईलैंड, वियतनाम और मलेशिया की हिस्सेदारी सबसे अधिक है। आसियान देशों को प्रमुख रूप से दवाइयां एवं स्वास्थ्य उत्पाद, धातु आधारित वस्तुएं, वस्त्र, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण तथा इंजीनियरिंग उत्पाद निर्यात किए जा रहे हैं। उन्होंने मुरैना के फुटवियर क्लस्टर, उज्जैन के मेडिकल डिवाइस पार्क, धार के पीएम मित्रा टेक्सटाइल पार्क, मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक पार्क, रायसेन एवं ग्वालियर के प्लास्टिक पार्क, नर्मदापुरम के नवकरणीय ऊर्जा उपकरण निर्माण क्षेत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि ये सभी परियोजनाएं आसियान देशों की कंपनियों को उत्पादन और निर्यात, दोनों स्तरों पर मजबूत आधार प्रदान करती हैं।
आसियान देशों के वियतनाम, कम्बोडिया, तिमोर लेसे, थाईलैंड, इंडोनेशिया एवं ब्रूनेई दारू सलम के राजदूतों ने कृषि–प्रसंस्करण, पर्यटन, नवकरणीय ऊर्जा, शिक्षा, स्वास्थ्य और स्थानीय स्तर पर आधारित उद्योगों में सहयोग आगे बढ़ाने की इच्छा जताई। निर्यात से जुड़े उद्यमियों, वित्तीय संस्थानों और परिवहन सेवाओं से जुड़े प्रतिनिधियों ने भी सुझाव दिए। प्रतिनिधियों ने कहा कि डिजिटल सहायता केंद्र और सिंगल विंडो सिस्टम व्यवस्था से निर्यातकों को बड़ी राहत मिलेगी।
कार्यक्रम में मध्यप्रदेश की कला और कौशल पर आधारित वस्त्र, शिल्प और व्यंजनों ने आसियान प्रतिनिधियों को खूब लुभाया। चंदेरी–महेश्वरी की बुनाई, ज़री–ज़रदोज़ी, धातु शिल्प, गोंड कला और मिलेट्स से बने व्यंजन की प्रतिनिधियों ने खूब प्रशंसा की। मध्यप्रदेश की कला और कौशल को बड़ी ताकत बताते हुए बेहद सराहा।
Published on:
19 Nov 2025 09:40 pm
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