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तनाव नहीं, जिंदगी चुनेंः मुश्किल वक्त गुजर जाएगा, जीवन थामे रखिए…क्योंकि यह बेशकीमती है

बीकानेर रेंज कार्यालय में दर्ज आंकड़ों की ही बात करें, तो जनवरी 2022 से अगस्त 2025 तक 2,574 प्रकरण दर्ज हुए और 2,575 लोगों ने आत्महत्या की।

युवा पीढ़ी तनाव को झेल नहीं पा रही। मामूली विवाद या असफलता की चुभन उन्हें जीवन से हार मानने पर मजबूर कर रही है। पढ़ाई का दबाव, पारिवारिक कलह, नशे की लत और आर्थिक तंगी...यह वजहें मिलकर युवाओं को उस अंधेरी राह की ओर धकेल रही हैं, जहां अंधेरे के सिवाय कुछ नहीं। बीकानेर रेंज कार्यालय में दर्ज आंकड़ों की ही बात करें, तो जनवरी 2022 से अगस्त 2025 तक 2,574 प्रकरण दर्ज हुए और 2,575 लोगों ने आत्महत्या की।

चिंता पैदा करते हैं यह आंकड़े

बीकानेर में 995 प्रकरण, 1,077 आत्महत्या की घटनाएं दर्ज हुई। इसी तरह श्रीगंगानगर में 644 प्रकरण, 695 आत्महत्या, हनुमानगढ़ में 387 प्रकरण, 431 आत्महत्या, चूरू में 548 प्रकरण, 572 आत्महत्या की घटनाएं सामने आईं

आत्महत्या के प्रमुख कारण

आर्थिक तंगी व कर्ज के मामले 43% सामने आए, जिसमें लोगों ने आत्महत्या का रास्ता चुना। इसी तरह नशे की लत से 25%, पारिवारिक क्लेश से 18%, प्यार में धोखा/दिवालियापन से 5%, बीमारी से 3% व अन्य कारणों से 6% लोगों ने जीवन छोड़ने का रास्ता चुना।

सबसे ज्यादा प्रभावित आयु वर्ग

आत्महत्या करने वालों के उम्र वर्ग पर निगाह डालें, तो यह स्थिति भी चिंता में डालती है। इसमें 18- 45 वर्ष के 74% युवा इस आत्मघाती रास्ते को चुन रहे हैं। इसके अलावा 46- 60 वर्ष आयुवर्ग के 12%, 60 वर्ष से ऊपर के 4% लोग यह रास्ता चुन रहे हैं।

कैसे पहचानें संकेत

अगर परिवार या दोस्त में कोई व्यक्ति लगातार उदास या चिड़चिड़ा रहता है। अकेलेपन में ज्यादा समय बिताता है। नींद या भूख की समस्या से जूझता है। अब जीने का मन नहीं करता जैसे वाक्य बोलता है। पढ़ाई, नौकरी या रिश्तों में अचानक रुचि खो देता है। नशे का सहारा ज्यादा लेने लगता है। कीमती सामान या चीजें बांटना शुरू कर देता है, तो यह संकेत हो सकते हैं कि वह गहरे तनाव में है और मदद चाहता है। ऐसे में उसके साथ समय बिताएं। उसे सुने और जरूरत हो, तो पेशेवर मदद (काउंसलिंग, डॉक्टर) दिलवाएं।

विशेषज्ञ बोले...वह क्षण ही कीमती है

मानसिक रोग, पीबीएम अस्पताल के विभागाध्यक्ष डॉ. श्रीगोपाल गोयल कहते हैं...तनावग्रस्त व्यक्ति कुछ समय के लिए खुद पर नियंत्रण खो देता है और यही क्षण उसे आत्महत्या तक ले जाता है। ऐसे में परिवार और समाज ही उसे रोक सकते हैं।

जागरूकता की मुहिम भी चल रही

आचार्य विजयराज महाराज ने 2022 में सुसाइड फ्री यूनिवर्स संकल्प समिति बनाकर आंदोलन शुरू किया। लाखों लोगों से संकल्प-पत्र भरवाए गए। स्कूल-कॉलेजों में कार्यक्रम, योगा-मेडिटेशन और काउंसिलिंग सेंटर खोले गए। बीकानेर और दुर्ग में विशेष सेंटर भी शुरू हो चुके हैं।

विश्व भर में हालात कुछ ऐसे हैं

विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार, दुनियाभर में हर 100 मौत में 1 आत्महत्या से होती है। युवाओं (15-29 वर्ष) में आत्महत्या मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। वर्ष 2021 में दुनिया में 7.27 लाख लोग आत्महत्या के शिकार हुए। यूएन का लक्ष्य था 2030 तक आत्महत्याओं में 33% कमी लाना, लेकिन मौजूदा स्थिति में केवल 12% कमी ही संभव दिखाई दे रही है।