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सफाई वाहनों पर डिजिटल निगरानी, वार्ड में पहुंचा या नहीं…दिखेगा लाइव

नगर निगम अपने सफाई संसाधनों पर अब व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम से नजर रखेगा। इसके लिए निगम में कंट्रोल रूम स्थापित होगा। सिस्टम के माध्यम से प्रत्येक सफाई संसाधन, घर घर कचरा संग्रहण के ऑटो टिपर और ट्रैक्टर ट्रॉलियों पर नजर रहेगी। इस सिस्टम पर निगम 55 लाख रुपए खर्च करेगा। वहीं डंपिंग यार्ड पर पहुंचने वाले वाहनों में पहुंचे कचरे को भी ऑटोमेटिक सिस्टम से तौला जा सकेगा, जिसमें बदलाव संभव नहीं होगा। निगम संवेदक फर्म के माध्यम से वीटीएस के जरिए अपने सफाई संसाधनों पर नजर रखेगा। इससे प्रत्येक वाहन की करंट लोकेशन व मॉनिटरिंग प्रभावी हो सकेगी।

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बीकानेर. नगर निगम के सफाई कार्यों से जुड़े संसाधनों पर अब व्हीकल ट्रेकिंग सिस्टम (वीटीएस) से नजर रहेगी। निगम ने अपने और संवेदक फर्मों के सफाई कार्यों में लगे सभी वाहनों और संसाधनों पर वीटीएस लगाने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। इसके लिए निगम की ओर से 55 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है। वीटीएस के माध्यम से निगम नियंत्रण कक्ष के माध्यम से प्रत्येक संसाधन की प्रत्येक पल की गतिविधि पर नजर रख सकेगा। इस सिस्टम के तहत डंपिंग यार्ड पर पहुंचने वाले प्रत्येक वाहन में एकत्र कचरे को तौलने की प्रक्रिया भी ऑटोमेटिक रहेगी, जिसे बदला नहीं जा सकेगा।

281 वाहनों-संसाधनों पर लगेंगे वीटीएस

निगम आयुक्त मयंक मनीष के अनुसार व्हीकल ट्रेकिंग सिस्टम निगम स्वामित्व सहित संविदा किराये पर लिए गए वाहनों और संसाधनो पर लगेंगे। इनमें निगम स्वामित्व के 110 और संविदा किराये के 171 वाहन व संसाधन है। निविदा प्रक्रिया के अनुसार यह कार्य दो साल के लिए होगा व 55 लाख रुपए खर्च होंगे। इसके लिए एलओआई जारी कर दिया गया है।

कचरे का होगा ऑटोमेटिक वजन

आयुक्त ने बताया कि वीटीएस के तहत निगम के डंपिंग यार्ड पर कचरे के वजन को तौलने का कार्य भी इस सिस्टम के दायरे में होगा। वाहन के डंपिंग यार्ड के वेब ब्रिज पर पहुंचते ही इस सिस्टम के माध्यम से वाहन में मौजूद कचरे का वजन ऑटोमेटिक तरीके से दर्ज हो जाएगा। इस वजन को मैन्युअली बदलना असंभव होगा। इससे प्रत्येक वाहन में आ रहे कचरे का वास्तविक वजन रोज इस सिस्टम के माध्यम से मिल सकेगा। इससे निगम को भुगतान करने में अधिक सुविधा होगी।

खराब जीपीएस ही बदले जाएंगे

नगर निगम स्वामित्व और संविदा किराये पर उपलब्ध अनेक सफाई वाहनों-संसाधनों पर पूर्व से ही जीपीएस लगे हुए है। इन जीपीएस की रिपोर्ट के आधार पर निगम संबंधित फर्मों को कचरा परिवहन का भुगतान भी करता आ रहा है। आयुक्त ने बताया कि जिन वाहनों-संसाधनों पर लगे जीपीएस सिस्टम सही हैं व वीटीएस सिस्टम से संचालित हो सकते हैं, उनको नहीं बदला जाएगा। जो जीपीएस खराब हैं और नए सिस्टम से संचालित नहीं हो सकते, उनको बदलना पड़ेगा।

वीटीएस से इन पर नजर

निगम के व्हीकल ट्रेकिंग सिस्टम के तहत निगम और संविदा किराये के ऑटो टिपर, ट्रैक्टर ट्रॉलियां, रोड स्वीपर मशीने, सीवरेज सफाई मशीने, डम्पर, बिन लिफ्टर, रिफ्यूज कंटेनर, जेसीबी आदि वाहनों, संसाधनों पर वीटीएस लगेंगे। इनमें ऑपरेशन एवं मेंटीनेंस के 83 वाहन, निगम संचालित 27 वाहन, संविदा किराये के ऑटो टिपर 100, जेसीबी 11 और ट्रैक्टर ट्रॉली 60 शामिल है।

यह होगा फायदा

आयुक्त के अनुसार वीटीएस सिस्टम से निगम स्वामित्व और संविदा किराये पर उपलब्ध सफाई वाहनों-संसाधनों पर प्रभावी मॉनिटरिंग हो सकेगी। आए दिन यह शिकायत रहती है कि वार्ड में कचरा परिवहन, सीवरेज सफाई के संसाधन नहीं पहुंच रहे। इस सिस्टम से पता चल सकेगा कि वार्ड में सफाई वाहन पहुंचा या नहीं। कब पहुंचा, किस क्षेत्र से पहुंचा, कहां पहुंचा, कितनी देर रूका और कब वार्ड क्षेत्र से बाहर निकला। कंट्रोल रूम में बैठे ऑपरेटर लाइव लोकेशन से हर सफाई संसाधन और वाहन पर नजर रख सकेंगे।