बीकानेर. आस्था से अर्पित किए गए मंदिरों के फूल और मालाएं अब कचरे में नहीं जाएंगी, बल्कि श्रद्धा की खुशबू बनकर फिर से घर-आंगन और प्रतिष्ठानों में महकेंगी। नगर निगम ने ऐसी योजना बनाई है, जिसके तहत धार्मिक स्थलों से प्रतिदिन दो क्विंटल तक पुष्पमालाएं संग्रहित की जाएंगी और उनसे धूप-अगरबत्ती बनाई जाएगी। इस तरह यह धूप-अगरबत्ती एक बार फिर मंदिरों, धार्मिक स्थलों व घरों में उपयोग में आ जएगी। इसके लिए नगर निगम ने कार्य योजना तैयार की है। निगम की ओर से कराए गए धार्मिक स्थलों के सर्वे में पाया कि प्रतिदिन करीब दो क्विंटल पुष्प और पुष्पमालाएं यहां उपयोग होती हैं। इन्हीं का संग्रह कर संवेदक फर्म के माध्यम से धूप-अगरबत्ती बनाने की प्रक्रिया शुरू होगी। इससे निगम को राजस्व की प्राप्ति भी होगी।
ऐसे बनेगी धूप व अगरबत्ती
संवेदक फर्म अपने स्तर पर धार्मिक स्थलों से उपयोग लिए जा चुके पुष्प और पुष्प मालाओं को संग्रहण करेंगे। इनको धूप और मशीन के माध्यम से सुखाया जाएगा। पुष्पों के पूर्ण रूप से सूखने पर उनका पाउडर बनाया जाएगा। इस पाउडर में प्राकृतिक सामग्री जैसे जड़ी बूटियां, कर्पूर, आवश्यक तेल आदि एक मिश्रण बनाया जाएगा। पेस्ट को डाई में आकार देकर छाया या ड्रायर से सुखाया जाएगा।
कार्य योजना तैयार
धार्मिक स्थलों में उपयोग आ चुके पुष्प और पुष्पमालाओं के पुन: उपयोग को लेकर तैयार की गई योजना के तहत निविदा प्रक्रिया जल्द प्रारंभ की जाएगी। इन पुष्प और पुष्पमालाओं से धूप और अगरबत्ती बनाई जाएगी। यह कार्य संवेदक फर्म के माध्यम से होगा। धार्मिक स्थलों से पुष्प संग्रहित करना, मशीनें स्थापित करना, बनाना और तैयार धूप व अगरबत्ती को बेचने का कार्य फर्म करेगी। निगम को इससे राजस्व की प्राप्ति भी होगी।
मयंक मनीष, आयुक्त, नगर निगम, बीकानेर
Updated on:
31 Aug 2025 08:25 pm
Published on:
31 Aug 2025 08:24 pm
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