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Pandit Chhannulal Mishra ने 4 मिनट 36 सेकंड के इस गाने को दी थी अपनी आवाज, आज भी है लोगों को याद

Pandit Chhannulal Mishra Dies: गुरुवार 2 अक्टूबर को जहां देश दशहरा और गांधी जयंती मना रहा है वहीं एक खबर ने हर किसी को गहरा दुख दे दिया है। पंडित छन्नूलाल मिश्र ने 91 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया है। ऐसे में आइये जानते हैं उनका एक वो गाना जिसे उन्होंने अपनी आवाज दी और वो अमर हो गया।

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Pandit Chhannulal Mishra dies he gave bollywood Aarakshan movie song people love it

पंडित छन्नूलाल मिश्र का निधन

Pandit Chhannulal Mishra Song: भारतीय शास्त्रीय संगीत के महान कलाकार और पद्म पुरस्कार से सम्मानित पंडित छन्नूलाल मिश्र का निधन हो गया है। उनके जाने से देश में मातम छा गया है। पीएम मोदी से लेकर युवा वर्ग भी पंडित छन्नूलाल मिश्र को आदर्श मानता हैं। ऐसे में उनका जाना एक बड़ी क्षति हैं। वहीं उनके निधन की खबर से संगीत जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। उनकी बेटी नम्रता मिश्रा ने सोशल मीडिया के जरिए पिता के निधन की जानकारी दी है।

इस फिल्म में गाया था पंडित छन्नूलाल मिश्र ने गाना (Pandit Chhannulal Mishra Song)

पंडित छन्नूलाल मिश्र ने अपने जीवन में कई भजन और गजल गाई हैं, लेकिन बॉलीवुड में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने बॉलीवुड को एक ऐसा गाना दिया है जो लोगों को हमेशा याद रहता है। यह अमिताभ बच्चन, सैफ अली खान और दीपिका पादुकोण स्टारर फिल्म ‘आरक्षण’ का गाना है। छन्नूलाल मिश्र ने इसी फिल्म में एक गाना गाया था। इस गाने को काफी पसंद भी किया गया था। 4 मिनट 36 सेकंड के इस गाने का नाम है, 'सांस अलबेली'। ये गाना दीपिका पादुकोण, सैफ अली खान पर फिल्माया गया है। आज भी इस गाने को सुनकर पंडित छन्नूलाल मिश्र की यादें ताजा हो जाती है।

संगीत की शिक्षा ऐसे की प्राप्त (Pandit Chhannulal Mishra Passed Away)

पंडित छन्नूलाल मिश्र को संगीत की पहली शिक्षा उनके पिता से ही मिली थी। उन्होंने महज 9 साल की उम्र में उस्ताद गनी अली साहब से खयाल सीखा और फिर ठाकुर जयदेव सिंह से आगे की ट्रेनिंग ली थी। अपने करियर में उन्होंने ख्याल, ठुमरी, भजन, दादरा, कजरी और चैती जैसे कई अलग-अलग तरह के गाने गाए। उन्हें उनके गायन के लिए कई बड़े सम्मानों से नवाजा भी गया था।

कई सम्मानों से हुए सम्मानित (Pandit Chhannulal Mishra Award)

  • 2000: संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार
  • 2010: पद्म भूषण
  • 2020: पद्म विभूषण

पिछले काफी समय से थे बीमारी

पंडित छन्नूलाल मिश्र की सेहत लगातार गिरती जा रही थी, लेकिन पिछले 7 महीने से ज्यादा ही उनकी हालत खराब हो गई थी और हाल ही में 17 दिनों के लिए वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय के साथ सुंदरलाल अस्पताल में भर्ती किए गए थे। वहां उन्हें 13 सितंबर को एडमिट कराया गया था। इसके बाद 27 सितंबर को उन्हें यहां से डिस्चार्ज कर दिया गया था और वह मिर्जापुर में अपनी बेटी नम्रता मिश्रा के आवास पर चले गए थे और वहीं उन्होंने अंतिम सांस ली है।