रामगंजबालाजी. पिपलिया माइनर में उग रही घास व बबुल।
रामगंजबालाजी. चंबल कमांड एरिया में बूंदी ब्रांच कैनाल की नहरें किसानों के लिए लाइफ लाइन के नाम से जानी जाती है। किसानों की माने तो नहरो की सफाई कार्यो को लेकर प्रशासन द्वारा गंभीरता नहीं दिखाई जाने से टेल क्षेत्र के किसानों के खेतों में पानी पहुंचना हर साल चुनौती भरा सफर रहता है।
बूंदी ब्रांच केनाल से जुड़ी वितरिकाओं व माइनरों के हालात इस समय खुद जंगलों से अटे होने के चलते अपनी स्थिति खुद बयां कर रहे हैं। कैनाल से जुड़ी अंधेड वितरिका के लालपुरा प्रथम, लालपुरा द्वितीय, कराड का बरधा, गुमानपुरा माइनर खरपतवार उगा हुआ है। ठीक इसी प्रकार दोलाड़ा वितरिका से जुड़े माइनर शिवशक्ति का खेड़ा, किशनपुरा, नंदपुरा वितरिका से जुड़े टेल क्षेत्र से जुड़े खटकड़, खटियाडी की स्थिति बहुत खराब होने के चलते अब रवि की फसल में किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाना मुश्किल सा नजर आ रहा है। यदि समय की बात करें तो सीएडी प्रशासन के पास मात्र 15 से 20 दिन में नहरो की सफाई का कार्य करवाना बूते से बाहर नजर आ रहा है।
नहीं हो रही सफाई
वर्तमान समय में बूंदी ब्रांच कैनाल से जुड़ी तालेड़ा व बूंदी पंचायत समिति की दर्जनों पंचायतों की बात करें तो वर्तमान समय में नरेगा के एप में तकनीकी खामी के चलते नहरों की सफाई के लिए श्रमिक उपलब्ध नहीं हो पा रहे। ऐसे में अब नहर में जलप्रवाह किए जाने के बाद उनसे जुड़े टेल क्षेत्र में पानी कैसे पहुंचाया जाएगा।
सीएडी द्वारा डिमांड मांगने पर लेबर उपलब्ध करा दी जाएगी। यदि मस्टरोल जारी करने में कोई तकनीकी कारण होगा तो उसमें सुधार किया जाएगा।
मनोज जैन, विकास अधिकारी पंचायत समिति बूंदी
नहरों की सफाई के लिए नरेगा मस्टरोल आईडी जनरेट नहीं होने से जारी नहीं हो रही है।पंचायत समिति से आईडी जारी होगी, तब श्रमिक सफाई के लिए लगाए जाएंगे।
अरविंद मीणा, अधिशासी अभियंता सीएडी बूंदी
Published on:
28 Sept 2025 06:04 pm
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