
हिण्डोली. गुढा बांध की क्षतिग्रस्त नहरें।
हिण्डोली. तेज बारिश के दौरान गुढ़ा बांध की क्षतिग्रस्त नहरों की मरम्मत व जंगल सफाई का कार्य शुरू नहीं हुआ है। वहीं जिला परिषद से मस्टरोल जारी नहीं होने से महात्मा गांधी नरेगा से भी कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है।
जानकारी अनुसार गुढ़ा बांध की तीन मुय नहरें बारिश के दौरान जगह पर क्षतिग्रस्त हो रही हैं। कई जगह तो पत्थर तक निकल गए हैं। सूत्रों की माने तो करीब 50 जगह से नहरें क्षतिग्रस्त हो रही है। वहीं जगह-जगह पर जंगल उगे हुए हैं, लेकिन जल संसाधन विभाग के पास बजट का अभाव होने के कारण सितंबर माह के आखिर में भी नहरों की साफ-सफाई वह मरम्मत का कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है। यहां पर तत्काल बजट मिलने के बाद ही मरम्मत हो सकती है।
काफी समय से जमा है सिल्ट
जल संसाधन विभाग की आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि तेज बारिश के चलते गुढ़ा बांध की नहरें करीब 50 जगह से क्षतिग्रस्त पड़ी हैं। जंगल सभी जगह उगा है। सूत्रों का कहना है की नहरों में सिल्ट काफी समय से जमी हुई है। ऐसे में यहां पर मरम्मत के लिए राज्य सरकार अतिरिक्त बजट दें तब जाकर नहरों में पानी नियमित सुचारू हो सकता है।
एक माह पहले भेजे थे प्रस्ताव
सूत्रों की माने तो गुढ़ा बांध की नहरों की साफ सफाई व जंगल सफाई के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा करीब एक माह पूर्व जिला परिषद में प्रस्ताव भिजवा दिए गए हैं, लेकिन एक माह होने के बाद भी प्रस्ताव स्वीकृत नहीं किया गया। ऐसे में मस्टररोल लेट होने के कारण नहरों की सफाई में समस्या आ सकती हैं।
कई स्थान पर माइनर गायब
गुढा बांध की नहरों से दर्जनों माइनर खेतों पर जाने के लिए बनाए थे लेकिन समय-समय पर उनकी सिल्ट नहीं निकालने एवं मरम्मत नहीं होने से कई स्थानों पर माइनर गायब हो गए हैं। ऐसे में किसानों को नहरी पानी खेतों तक ले जाने में काफी दिक्कत है महसूस होती है।
बारिश के कारण गुढ़ा बांध की नहरे कई जगह क्षतिग्रस्त है एवं खरपतवार सभी में उगा हुआ है। नहरों की मरमत व साफ-सफाई के लिए सरकार को एक करोड रुपए का अतिरिक्त बजट देना चाहिए। नहरों में बरसों से जमा सिल्ट को भी तत्काल प्रभाव से निकलना चाहिए। ताकि किसानों को खेतों में निर्बाध गति से बांध का पानी जा सके।
शिवराम गुर्जर, अध्यक्ष, गुढा बांध
Published on:
28 Sept 2025 05:55 pm
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