
जैसा कि अनुमान जताया जा रहा था आरबीआई ने रेपो रेट में कटौती कर दी है। (PC: ANI)
RBI MPC Meet Results: रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक खत्म हो गई है। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में बताते हुए कहा कि रेपो रेट में 0.25% कटौती पर सहमति बनी है। उन्होंने कहा कि सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए रेपो रेट में कटौती का फैसला लिया गया है। यह लगभग पहले से ही माना जा रहा था कि आरबीआई रेपो रेट में कटौती कर सकता है, क्योंकि महंगाई के मोर्चे पर कुछ राहत मिली है। आइए जानते हैं कि आरबीआई की बैठक से 10 बड़ी बातें क्या निकलकर आई हैं।
1. रेपो रेट में 0.25% कटौती, रेपो रेट घटकर 5.25% हुई। इसका मतलब है कि आपकी EMI कम हो सकती है।
2. जीडीपी ग्रोथ में अच्छी बढ़त दिख रही है। वित्त वर्ष 2026 के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान बढ़ाकर 7.3% किया गया है। जबकि पहले यह अनुमान 6.8 प्रतिशत था.आरबीआई गवर्नर ने कहा कि शहरी मांग में तेजी देखने को मिली है, जो अच्छे संकेत हैं।
3. बैंकिंग सिस्टम की स्थिति बेहतर हुई है, इसमें लगातार सुधार हो रहा है।
4. इस महीने RBI एक लाख करोड़ रुपए के सरकारी बॉन्ड खरीदेगा। इससे बाजार में अतिरिक्त लिक्विडिटी आएगी। वहीं, सिस्टम लिक्विडिटी अक्टूबर में MPC की पिछली बैठक के बाद से औसतन 1.5 लाख करोड़ रुपए के सरप्लस में रही है।
5. महंगाई के मोर्चे पर राहत मिली है। आरबीआई ने FY26 के लिए CPI मुद्रास्फीति के अनुमान को पहले के 2.6% से घटाकर 2% कर दिया है। इसके साथ ही Q3FY26 का अनुमान 1.8% से घटाकर 0.6%, Q4FY26 का अनुमान 4% से घटाकर 2.9%, और Q1FY27 का अनुमान 4.5% से घटाकर 3.9% कर दिया गया है। इससे स्पष्ट है कि केंद्रीय बैंक महंगाई में नरमी को लेकर आश्वस्त है।
6. निवेश गतिविधियों में तेजी आई है। भारत पर निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। इससे आने वाले समय में रोजगार और उत्पादन में तेजी आएगी। निवेश बढ़ना अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) में निकासी देखने को मिली है, लेकिन भारत का फॉरेक्स रिजर्व मजबूत बना हुआ है।
7. कृषि क्षेत्र अच्छा कर रहा है। रबी और खरीफ की बुआई अच्छी रही है। इससे खाद्यान्न उत्पादन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत मिलेगी।
8. इस साल भारत का चालू खाता घाटा (CAD) सीमित रहने की उम्मीद है।
9. गिरते रुपए को संभालने के लिए कदम उठाए जाएंगे। 3 साल की अवधि वाले डॉलर–रुपया बाय-सेल स्वैप ऑपरेशन को अमल में लाया जाएगा। सरल शब्दों में कहें तो आरबीआई बाजार से डॉलर खरीदकर बाद में बेच देगा।
10. आरबीआई गवर्नर ने साफ किया है कि आर्थिक लिहाज से देश सही रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। फॉरेन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट (FDI) में तेजी आई है, जो भारत के प्रति विदेशी निवेशकों के बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।
Updated on:
05 Dec 2025 11:14 am
Published on:
05 Dec 2025 11:13 am
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