Muharram 2025 - Image Source - Social Media
Why is pot broken on Muharram 2025 in Chandauli: यूपी के चंदौली जिले के नियमताबाद ब्लॉक स्थित कूढ़े खुर्द गांव में मुहर्रम का मातमी जुलूस एक अनोखी मिसाल पेश करता है। इस गांव की खासियत है कि यहां सिर्फ मुस्लिम ही नहीं, बल्कि हिंदू, सिख और ईसाई समुदाय के लोग भी मिलकर मुहर्रम में हिस्सा लेते हैं। गांव में 400 से ज्यादा ताजिए निकाले गए, लेकिन कूढ़े खुर्द का ताजिया पूरे जिले में सबसे अलग और अद्भुत रहा।
जुलूस में हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के युवाओं ने मिलकर मातम किया। विजय यादव और गोविंद यादव ने आग से भरी मटकी को एक-दूसरे के सिर पर फोड़ा, जिससे पूरे इलाके में जुलूस की चर्चा होने लगी। वहीं बरकत अली, निजामुद्दीन, शमशेर और विजय यादव ने मिलकर गोविंद यादव के गले पर पत्थर फोड़ने जैसी रस्म को अदा किया। इस दौरान युद्ध जैसे दृश्य उत्पन्न हो गए, जहां धर्म नहीं, सिर्फ इंसानियत और भाईचारा दिखा।
कूढ़े खुर्द गांव गंगा-जमुनी तहजीब का जीवंत प्रतीक बन चुका है। यहां सभी धर्मों के लोग मिल-जुलकर रहते हैं और एक-दूसरे के त्योहारों को पूरे उत्साह से मनाते हैं। चाहे विवाह हो या पर्व, हर आयोजन गांव की साझा विरासत का हिस्सा होता है। मुहर्रम के मौके पर इस एकता की झलक पूरे गांव में देखी गई।
मुहर्रम के जुलूस में ‘मटकी फोड़’ की परंपरा सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र बनी रही। यह परंपरा सालों से निभाई जा रही है, जिसमें आग से भरी मटकी को युवाओं के सिर पर फोड़कर दर्द और श्रद्धा का प्रदर्शन किया जाता है। इसे देख गांव के बुजुर्ग और बच्चे भी भावुक हो उठे। यह रस्म सिर्फ धर्म का हिस्सा नहीं, बल्कि गांव के आपसी रिश्तों और प्रेम की झलक भी है।
कूढ़े खुर्द गांव में एक और प्राचीन परंपरा निभाई जाती है जो पूरे देश के लिए मिसाल है। मुहर्रम के दिन जब मुस्लिम परिवार शोक में होते हैं और उनके घरों में चूल्हा नहीं जलता, तब हिंदू परिवार खिचड़ा बनाकर मुस्लिम भाइयों को अपने घर बुलाते हैं और भोजन कराते हैं। यह परंपरा हर साल निभाई जाती है और अब गांव की नई पीढ़ी भी इसे दिल से अपनाने लगी है।
जब देश में कई जगहों से सांप्रदायिक तनाव की खबरें आती हैं, तब कूढ़े खुर्द जैसे गांव देश के लिए उम्मीद की किरण बनते हैं। इस गांव की मिट्टी में मोहब्बत, सद्भाव और आपसी विश्वास की खुशबू है। मुहर्रम जैसे अवसर पर यहां जो दृश्य सामने आते हैं, वो सिर्फ धर्म नहीं, बल्कि इंसानियत की सबसे बड़ी मिसाल है।
Published on:
07 Jul 2025 04:06 pm
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