
कलेक्टर कार्यालय
देवउठनी एकादशी और आगामी विवाह सीजन को देखते हुए जिला प्रशासन ने बाल विवाह रोकथाम को लेकर जिलेभर में अलर्ट जारी किया है। प्रशासन ने कहा है कि नाबालिग बच्चों की शादी कराना या उसमें सहयोग करना कानूनन अपराध है। इस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसी के तहत प्रशासन ने जिला और विकासखंड स्तर पर नियंत्रण कक्ष (कंट्रोल रूम) और विशेष निगरानी टीमें गठित की हैं, जो किसी भी बाल विवाह की सूचना पर तुरंत कार्रवाई करेंगी।
कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने जिलेवासियों से अपील की है कि देवउठनी एकादशी (1 से 2 नवम्बर 2025) पर विवाह आयोजन के दौरान यह सुनिश्चित करें कि वर और वधू दोनों बालिग हों। उन्होंने कहा कि बाल विवाह की सूचना मिलने पर तुरंत प्रशासन को अवगत कराएं ताकि बच्चों का भविष्य सुरक्षित किया जा सके।
बाल विवाह की घटनाओं पर तत्काल रोक लगाने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग ने जिला स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किया है। यहां किसी भी समय शिकायत या सूचना दी जा सकती है।जिला कंट्रोल रूम मोबाइल नंबर: 8516841808महिला एवं बाल विकास कॉल सेंटर: 07682-181चाइल्ड हेल्पलाइन: 1098डायल: 112 (पुलिस सहायता के लिए)इसके अलावा, जिले के सभी विकासखंडों में भी स्थानीय स्तर पर जिम्मेदार अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
राजनगर – रजनी शुक्ला (9343219162)
बिजावर – राजकुमार बागरी (9644332997)
बकस्वाहा – हेमलता सिंह (8462925204)
नौगांव – अनिल नामदेव (9644989418), नेहा जैन (9752282671)
बड़ामलहरा – अरुण प्रताप सिंह निरंजन (9977280557)
लवकुशनगर, गौरिहार, छतरपुर शहर – विक्रम सिंह (9165848289)
छतरपुर ग्रामीण – कृपाल अठ्या (6266078271)
प्रशासन ने बताया कि प्रत्येक विकासखंड में गठित विशेष टीमें विवाह स्थलों, मैरिज गार्डन, बैंड-बाजा संचालकों, हलवाई, ब्यूटी पार्लर, प्रिंटिंग प्रेस और धार्मिक संस्थानों से जुड़े लोगों से संपर्क बनाए रखेंगी। इनसे कहा गया है कि वे किसी भी विवाह आयोजन से पहले वर-वधू की आयु के प्रमाण पत्र अवश्य देखें।जिला महिला बाल विकास अधिकारी दिनेश कुमार दीक्षित ने बताया कि लाड़ो अभियान के तहत जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है ताकि लोग स्वयं इस कुप्रथा को रोकने में आगे आएं।
प्रशासन ने विवाह आयोजकों, सामाजिक संगठनों और विवाह से जुड़ी सेवाएं देने वालों को निर्देश दिए हैं कि वे जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल की अंकसूची या आंगनवाड़ी रिकॉर्ड के आधार पर ही उम्र का सत्यापन करें। यदि कोई संदेह हो तो मेडिकल बोर्ड द्वारा जारी प्रमाण पत्र को मान्य माना जाएगा। प्रिंटिंग प्रेस मालिकों से भी अपील की गई है कि वे वैवाहिक आमंत्रण पत्र में यह स्पष्ट उल्लेख करें कि वर और वधू बालिग हैं।
कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने कहा कि बाल विवाह बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के तहत दंडनीय अपराध है। यदि कोई व्यक्ति बाल विवाह करवाता है या इसमें सहयोग करता है, तो उसके खिलाफ संज्ञेय अपराध के रूप में सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा बच्चों की शादी उम्र से पहले करना उनके अधिकारों का हनन है। बाल विवाह से न केवल उनकी शिक्षा रुकती है, बल्कि स्वास्थ्य और भविष्य पर भी इसका बुरा असर पड़ता है। यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम जिले में एक भी बाल विवाह न होने दें।
प्रशासन ने देवउठनी एकादशी के दौरान सभी तहसीलों, थानों और महिला बाल विकास परियोजना कार्यालयों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। पुलिस और बाल संरक्षण समितियों की टीमें गांव-गांव जाकर विवाह कार्यक्रमों पर नजर रखेंगी ताकि किसी भी संदेहास्पद विवाह को समय रहते रोका जा सके।
Updated on:
31 Oct 2025 10:38 am
Published on:
31 Oct 2025 10:37 am
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