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कृषि तकनीक में नवाचार करके सफलता की इबारत लिख रहे जिले के कृषक, बड़ा रहे उत्पादन

अब जिले में औषधीय खेती की ओर किसान का रुझान बढ़ने लगा है। परंपरागत खेती के अलावा फल, सब्जी और फूलों की खेती से किसान अपनी आमदानी बढ़ा रहा है।

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krishi vigyan kendra

कृषि विज्ञान केंद्र नौगांव

छतरपुर. कोई भी फसल हो खरीफ या रबी किसानों को किसी न किसी हाल में नुकसान उठाना पड़ता है। जहां खरीफ में अत्यधिक वृष्टि परेशानी बनती है तो वहीं रबी में तुषार जैसी समस्याओं से किसान टूट जाता है। बुंदेलखंड में परंपरागत खेती का चलन होने से किसानों ने दूसरी दिशा में बहुत कम प्रयास किया है, लेकिन अब नौगांव का कृषि विज्ञान केंद्र किसानों को राह दिखा रहा है और कृषि के चलन में नवाचार करके तकनीक विकसित कर रहा है जिससे किसानों को फायदा हुआ है।

औषधीय खेती पर जोर

अब जिले में औषधीय खेती की ओर किसान का रुझान बढ़ने लगा है। परंपरागत खेती के अलावा फल, सब्जी और फूलों की खेती से किसान अपनी आमदानी बढ़ा रहा है। नौगांव कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ कमलेश अहिरवार का कहना है कि वे किसानों को ट्रेडिशनल खेती के अलावा औषधीय खेती की जानकारी देते हैं और बताते हैं कि किस प्रकार खेती के साथ इस दिशा में नवाचार किया जाए।

घर बैठे हर माह आमदानी

किसान औषधीय खेती के साथ घर बैठे हर महीने पैसा कमा रहे हैं। केंद्र में खेती से जुड़े सारे आयाम किसानों और युवाओं को सिखाए जा रहे हैं। इसमें फल और फूल उगाने की बारीकियां भी सिखाई जा रहीं हैं। इसके अलावा शासन से आर्थिक मदद भी केंद्र मुहैया करा रहा है।

व्यवसाय बन गई है कृषि

डॉ कमलेश अहिरवार का कहना है कि आज खेती व्यवसाय के रूप में उभरकर सामने आ रही है। कई लोग तो लाखों के पैकेज छोड़कर किसानी को व्यावसायिक दृष्टि से देखने लगा है। हैरानी उस वक्त होती की हमारा किसान शुरू से खेती करने के बाद भी अपनी रोजी रोटी मुश्किल से चला पाता है। किसान को मार्गदर्शन की कमी है, इसलिए हमारा मकसद है कि किसानों को बेहतर तकनीक की जानकारी देते हुए उनके उत्पादन को बढ़ावा दे पाएं।

इन किसानों ने किया बदलाव

कृषि विज्ञान केंद्र नौगांव में पदस्थ डॉ. कमलेश अहिरवार (वैज्ञानिक उद्यानिकी) के मार्गदर्शन से बाला रैकवार निवासी ग्राम चुरवारी विकासखंड नौगांव ने कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क करके गेंदा एवं गुलाब की खेती से अपनी आय को दोगुना किया साथ ही शकरकंद की खेती कर नवाचार के रूप में अपनाया ।

चेतराम कुशवाहा निवासी ग्राम बिलहरी विकासखंड नौगांव ने भी कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क कर गेंदा एवं गुलाब की खेती कर अपनी आमदनी को दोगुना किया साथ ही ग्लार्डिया की खेती कर को नवाचार के रूप में अपनाया l

सलीम खान निवासी नौगांव विकासखंड नौगांव ने कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क कर मुर्गी पालन के साथ-साथ बकरी पालन मत्स्य पालन एवं उद्यान की के अंतर्गत सब्जियां एवं फूलों की खेती कर अपनी आमदनी को दुगना किया साथ ही अपने खेत में जैविक खेती को अपनाकर एक नवाचार के रूप में कार्य किया l

नरेश चंद्र चौरसिया निवासी महाराजपुर ने अपने खेत पर जैविक खेती को अपनाकर अपने उत्पादन को बढ़ाया साथ ही फल फूल एवं सब्जियां की खेती कर अपने आमदनी को बढ़ाया और जीवामृत एवं मटका खाद अपनाकर प्राकृतिक खेती कर एक नवाचार के रूप में कार्य किया l

इनका कहना है

कृषि की तकनीक में नवाचार करके किसानों को संवर्धन हेतु केंद्र द्वारा प्रयास किया जा रहा है। परंपरागत खेती के साथ हम औषधीय खेती के माध्यम से अपने उत्पादन को अधिक कर सकते हैं।

डॉ कमलेश अहिरवार, कृषि विज्ञान केंद्र नौगांव