
मतदाता पुर्नरीक्षण कार्य करते बीएलओ
जिले की मतदाता सूची मानो एक बड़े डाटा गैप की कहानी सुना रही है। चुनाव आयोग के वार्षिक पुनरीक्षण में पहली बार ऐसे आंकड़े सामने आए हैं, जो न केवल जिला अधिकारियों को चौंका रहे हैं, बल्कि यह भी संकेत दे रहे हैं कि जमीन पर मौजूद मतदाताओं की वास्तविक संख्या और सरकारी रिकॉर्ड के बीच अब खाई लगातार बढ़ रही है। जिले के 1447179 पंजीकृत वोटरों में से सिर्फ 34 प्रतिशत (लगभग 4.94 लाख) मतदाताओं का ही डिजिटल पुनरीक्षण हो सका है, जबकि सर्वे की शुरुआती रिपोर्ट में 7366 मतदाता गायब मिले हैं।
-7366 गायब मतदाता
-3341 की मृत्यु पुष्टि
-3254 ने स्थाई पलायन किया
-311 का कोई सुराग नहीं
-427 इनरोल्ड मिले
ये आंकड़े दिखाते हैं कि मतदाता सूची वर्षों से अपडेट नहीं हुई और डुप्लीकेट-रजिस्ट्रेशन का मामला अब भी गंभीर है।
-बिजावर 2091
-राजनगर 1592
-चंदला 1130
-छतरपुर 1037
-बड़ामलहरा 928
-महाराजपुर 588
विधानसभा मौत स्थाई पलायन
महाराजपुर 219 306
चंदला 393 632
राजनगर 645 805
छतरपुर 498 403
बिजावर 1151 747
मलहरा 435 361
कुल 3341 3254
जमीनी सर्वे के दौरान मिली मुख्य समस्याएं
-गांवों में लगातार ताले और खाली घर मिले
-बड़ी संख्या में परिवार तेजी से शहरों और महानगरों में बस रहे हैं
-पुराने रजिस्टर और नए डिजिटल रिकॉर्ड का मेल नहीं बैठ रहा
-कई मामलों में मतदाताओं ने पता बदला पर अपडेट नहीं कराया
सात हजार से ज्यादा मतदाताओं का गायब होना या पलायन किसी भी विधानसभा के चुनाव नतीजों को प्रभावित कर सकता है। खास तौर पर उन क्षेत्रों में जहां जीत-हार का अंतर कुछ हज़ार वोटों से तय होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि जिले के 7366 गायब मतदाताओं में अधिकांश का स्थाई पलायन या मृत्यु हो चुकी है। इस स्थिति का सबसे बड़ा असर निर्णायक विधानसभा सीटों के चुनाव नतीजों पर पड़ सकता है। यदि गायब मतदाता किसी विधानसभा क्षेत्र में जीत-हार के अंतर में आते हैं, तो चुनाव परिणाम सीधे प्रभावित हो सकते हैं। यह आंकड़ा स्थानीय प्रशासन और चुनाव आयोग दोनों के लिए सुधार की चेतावनी है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में विस्थापन की बढ़ती दर के कारण मतदाता सूची में लगातार अपडेट की आवश्यकता है।
Published on:
22 Nov 2025 10:42 am
बड़ी खबरें
View Allछतरपुर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
