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अचल संपत्ति बाजार में उछाल, जिले में सबसे छतरपुर, खजुराहो और नौगांव पहली पसंद

जिले में नगरीय निकायों से 19.65 करोड़ और जनपद पंचायतों से 15.03 करोड़ की वसूली

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panjiyan office

जिला पंजीयन कार्यालय

जिले में इन दिनों अचल संपत्ति बाजार अभूतपूर्व रफ्तार पकड़ रहा है। जिले के तीन प्रमुख शहरी केंद्र छतरपुर, खजुराहो और नौगांव निवेशकों और मकान-खरीदारों की पहली पसंद के रूप में तेजी से उभर रहे हैं। संपत्ति क्रय-विक्रय के बढ़ते रुझान का सीधा प्रभाव सरकारी आय पर भी पड़ा है। पंजीयन विभाग के मुताबिक जिले ने इस वित्तीय वर्ष में अब तक रजिस्ट्री से 34 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व अर्जित किया है। वहीं नगरीय निकायों द्वारा 19.65 करोड़ और जनपद पंचायतों द्वारा 15.03 करोड़ रुपए की वसूली ने जिला प्रशासन की विकास योजनाओं को मजबूती प्रदान की है।

छतरपुर, खजुराहो और नौगांव क्यों बने पहली पसंद?

अचल संपत्ति विशेषज्ञों के अनुसार इन तीनों क्षेत्रों का तेजी से विकसित होता बुनियादी ढांचा, नई सडक़ों का निर्माण, पर्यटन से मिलने वाला आर्थिक लाभ, शिक्षा संस्थानों का विस्तार और बढ़ता व्यापारिक दबाव निवेशकों के लिए इन्हें आकर्षक बना रहा है। स्थानीय रियल एस्टेट एजेंट बताते हैं कि इन इलाकों में पिछले एक वर्ष में भूमि दरों में 12 से 20 प्रतिशत तक वृद्धि दर्ज की गई है।छतरपुर शहर- व्यावसायिक भवन, प्रीमियम प्लॉट और बहुमंजिला आवासीय परियोजनाओं की मांग लगातार बढ़ रही है।खजुराहो- अंतरराष्ट्रीय पर्यटन नगरी का दर्जा प्राप्त है, नगर में होटल, रिजॉर्ट, होमस्टे और कमर्शियल प्रॉपर्टी की बुकिंग में उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है।नौगांव- नगर में सेना, सरकारी प्रतिष्ठानों और बाईपास कनेक्टिविटी के कारण प्लॉटिंग और मकान निर्माण का तेज विस्तार हो रहा है।

जमीन-बिक्री और निर्माण गतिविधियों में तेजी

जिले में कृषि और गैर-कृषि दोनों प्रकार की भूमि के सौदे बढ़ रहे हैं। ग्राम पंचायत क्षेत्रों में किसानों द्वारा अपनी भूमि बेचकर शहरी इलाकों में निवेश करने की प्रवृत्ति देखी जा रही है। बाजारी मांग बढऩे के साथ आवासीय कॉलोनियों में प्लॉट की बिक्री, दुकानों और ऑफिस स्पेस की मांग, निर्माण सामग्री उद्योग की सक्रियता बढ़ी है। पंजीयन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि औसतन प्रतिदिन दर्जनों रजिस्ट्री हो रही हैं, जिनकी संख्या पिछले वर्षों की तुलना में कहीं अधिक है।

नगरीय निकायों की आय में उल्लेखनीय इजाफा

छतरपुर, खजुराहो, बड़ामलहरा, राजनगर और नौगांव जैसे निकायों ने संपत्ति कर, भवन अनुज्ञा, विकास शुल्क, बाजार शुल्क, विज्ञापन कर और नक्शा पासिंग फीस के माध्यम से 19.65 करोड़ रुपए का संग्रह किया। शहरी विकास विशेषज्ञों का मानना है कि बढ़ती जनसंख्या, नए आवासों की मांग और तेजी से बढ़ रहे व्यापारिक प्रतिष्ठान इन निकायों को अधिक राजस्व दिला रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि आगामी समय में डिजिटल टैक्स कलेक्शन और स्मार्ट प्रॉपर्टी मैपिंग से आय में और वृद्धि की संभावना बनेगी।जनपद पंचायतों ने भी बढ़ाया ग्रामीण आय का आधारग्रामीण अर्थव्यवस्था पर भी रियल एस्टेट गतिविधियों ने सकारात्मक प्रभाव डाला है। जनपद पंचायतों ने 15.03 करोड़ रुपए की वसूली की है, जिसमें प्रमुख रूप से शामिल हैं, जिसमें भूमि विक्रय शुल्क, बाजार शुल्क, खनन और रेत परिवहन से आय, पंचायत कर, ग्रामीण क्षेत्रों में नई सडक़ों, सामुदायिक भवन, कृषि भूमि के सौदे, छोटे बाजारों का विस्तार और पंचायत स्तर पर निर्माण कार्य तेजी से बढ़ रहे हैं। इससे स्थानीय रोजगार के अवसर भी पैदा हुए हैं।

नगर पालिका एवं नगर पंचायतवार प्राप्त नगरीय शुल्क

छतरपुर - 119612163महाराजपुर -2805786

नौगांव -12133269बडामलहरा -7390087

बारीगढ़ -1586234बकस्वाहा- 1046799

बिजावर -4506772चंदला- 3416116

गढीमलहरा - 1498507घुवारा- 3635648

हरपालपुर- 5531721खजुराहो- 14819782

लवकुशनगर-9386610राजनगर - 7463291

सटई 1730814कुल योग 196563599 रुपए

बढ़ती आय से विकास कार्यों को मिलेगा बल

जिले में राजस्व बढऩे से अगले वित्तीय वर्ष में अनेक महत्वपूर्ण कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी। प्रशासन द्वारा तैयार योजनाओं में शामिल हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह रफ्तार इसी तरह जारी रही तो आने वाले वर्षों में छतरपुर जिला बुंदेलखंड के सबसे तेजी से विकसित होने वाले रियल एस्टेट केंद्रों में शामिल हो जाएगा।

-शहरी क्षेत्रों में सडक़ और नालियों का सुदृढ़ीकरण-पेयजल योजनाओं का विस्तार

-ग्रामीण सडक़ों का चौड़ीकरण-सामुदायिक भवन और पंचायत भवनों का निर्माण

-स्ट्रीट लाइट व्यवस्था का सुधार-पर्यटन स्थलों के आसपास बुनियादी ढांचे का विस्तार

इनका कहना है

समस्त नगरीय निकायों में स्थित अचल संपत्तियों के क्रय-विक्रय से संबंधित दस्तावेजों के पंजीयन से वित्तीय वर्ष 2024-25 में नगर पालिका एवं नगर पंचायत शुल्क के रूप में कुल उन्नीस करोड़ पैंसठ लाख तिरेसठ हजार पांच सौ निन्यान्वे रूपए संग्रहित किए हैं। नगरीय क्षेत्रों में पंजीयन का रूझान अधिक है।

जीपी सिंह, जिला पंजीयक