
मुख्य चयनकर्ता अजित अगरकर और टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर (फोटो सोर्स: ANI)
India vs South Africa Test Series: दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की आगामी सीरीज के लिए भारतीय टीम की घोषणा बुधवार को कर दी गई। 15 सदस्यीय इस टीम में उपकप्तान ऋषभ पंत की वापसी हुई है, जो इंजरी के कारण वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज से बाहर थे। हालांकि, घरेलू क्रिकेट में लगातार शानदार प्रदर्शन करने वाले कुछ खिलाड़ियों को मौका नहीं मिला।
पूर्व तेज गेंदबाज अजित अगरकर के मुख्य चयनकर्ता बनने के बाद से भारतीय टीम का चयन लगातार विवादों में रहा है। कुछ खिलाड़ी खराब फॉर्म के बावजूद बार-बार मौके पा रहे हैं, जबकि अन्य को बिना किसी ठोस कारण के टीम से बाहर रखा जा रहा है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चुनी गई टीम में चार ऐसे खिलाड़ियों को नजरअंदाज किया गया है, जिनका घरेलू और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अब तक शानदार रिकॉर्ड रहा है। इनमें से दो खिलाड़ी तो पिछले कुछ सीरीज के लिए चुने भी गए थे, लेकिन प्लेइंग 11 में मौका दिए बिना ही उन्हें फिर टीम से बाहर कर दिया गया।
अनुभवी खिलाड़ी मोहम्मद शमी को घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन के बावजूद नजरअंदाज किया जा रहा है। वे 2025 चैंपियंस ट्रॉफी के बाद से रणजी ट्रॉफी में बंगाल की ओर से लगातार खेल रहे हैं। शमी पिछले लगभग आठ महीनों से भारतीय टीम में वापसी की कोशिश कर रहे हैं। हाल में रणजी क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया था। इसके बावजूद उनको चयनकर्ताओं ने टीम इडिया से बाहर रखा, जिससे उनके टेस्ट करियर को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
शमी ने हाल में 3 रणजी मुकाबले खेले हैं, उत्तराखंड के खिलाफ हुए मुकाबले में उन्होंने 7 विकेट लिए और 'प्लेयर ऑफ द मैच' रहे, इस मुकाबले को बंगाल की टीम ने 8 विकेट से जीता। इसके बाद उन्होंने बंगाल की गुजरात पर दो दशक बाद रणजी जीत में अहम भूमिका निभाई। आखिरी दिन उन्होंने पांच विकेट का घातक स्पेल फेंका, जिससे मिडिल ऑर्डर ध्वस्त हो गया
इससे पहले उन्हें वेस्ट इंडीज के खिलाफ सीरीज के लिए भी नहीं चुना गया था। तब उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा था कि वे पूरी तरह फिट हैं और बंगाल के लिए रणजी ट्रॉफी खेलने की उपलब्धता ही इसका सबसे बड़ा सबूत है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया था कि 'चयनकर्ताओं को अपनी फिटनेस की जानकारी देना मेरा काम नहीं है'।
मोहम्मद शमी ने आखिरी बार भारत के लिए 2025 चैंपियंस ट्रॉफी में खेला था, जहां उन्होंने वरुण चक्रवर्ती के साथ मिलकर टीम इंडिया के लिए सबसे ज्यादा विकेट चटकाए थे। हालांकि, इसके बाद एड़ी और घुटने की चोटों ने उन्हें परेशान किया, जिसके कारण सर्जरी करानी पड़ी। शमी ने रणजी ट्रॉफी में खेलने की इच्छा जताकर अपनी दावेदारी मजबूत की थी, लेकिन चयन समिति ने फिटनेस कारणों का हवाला देकर उन्हें ऑस्ट्रेलिया दौरे की टीम में शामिल नहीं किया।
सरफराज खान ने घरेलू क्रिकेट में रनों का अंबार लगाने के बाद पिछले साल इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था। मिडिल ऑर्डर में उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए छह टेस्ट मैचों की 11 पारियों में 37.1 की औसत से 371 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने एक शतक और तीन अर्धशतक जड़े। लेकिन इस प्रभावशाली प्रदर्शन के बावजूद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया।
हालांकि, सरफराज ने हार नहीं मानी और फिर घरेलू क्रिकेट का रुख किया, जहां उन्होंने लगातार रन बनाए। इंग्लैंड लायंस के खिलाफ 92 रन और जम्मू-कश्मीर के खिलाफ 42 व 32 रनों की उपयोगी पारियां खेलीं। फिर भी, उनके शानदार फॉर्म के बावजूद उन्हें हाल ही में दक्षिण अफ्रीका 'ए' के खिलाफ अनौपचारिक टेस्ट सीरीज के लिए चुनी गई भारत 'ए' टीम में जगह नहीं मिली। न ही उन्हें वेस्ट इंडीज के खिलाफ खेली गई सीरीज में चुना गया और अब न ही दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उन्हें टीम में जगह मिली है।
इंग्लैंड टेस्ट सीरीज से पहले अजीत अगरकर ने कहा था कि रणजी ट्रॉफी में लगातार रन बनाने की वजह से करुण नायर ने सरफराज को पीछे छोड़ दिया है। हालांकि, इंग्लैंड दौरे के बाद करुण नायर बाहर हो गए, लेकिन सरफराज की वापसी फिर भी नहीं हुई।
सरफराज खान का फर्स्ट-क्लास क्रिकेट रिकॉर्ड किसी भी चयनकर्ता के लिए शर्मिंदगी का कारण होना चाहिए। 56 मैचों में उन्होंने 65.19 की शानदार औसत से 4,759 रन बनाए हैं, जिनमें 16 शतक और 15 अर्धशतक शामिल हैं। उनका औसत सर डॉन ब्रैडमैन के करीब है।
अर्शदीप सिंह इस समय इकलौते बाएं हाथ के तेज गेंदबाज हैं, जिनके पास बीसीसीआई का सेंट्रल कांट्रैक्ट है। पूरी दुनिया बाएं हाथ के तेज गेंदबाजों को अहमियत दे रही है। लेकिन एक भारतीय चयनकर्ता और टीम मैनेजमेंट ही है, जिन्हें अर्शदीप सिंह में कुछ नहीं दिखता। टी20 क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने के बावजूद उन्हें प्लेइंग 11 से बहार बैठना पड़ता है। सिर्फ लिमिटेड ओवर ही नहीं अर्शदीप सिंह टेस्ट क्रिकेट में भी कारगार साबित हो सकते हैं। लेकिन उन्हें जब स्क्वाड में चुना जाता है तो प्लेइंग 11 में मौका नहीं मिला और अब उन्हें टेस्ट स्क्वाड से ही बाहर कर दिया गया है।
अभिमन्यू ईश्वरन को अपने टेस्ट डेब्यू के लिए और कितना इंतजार करना होगा, इसका जवाब किसी के पास नहीं है, फ़र्स्ट क्लास क्रिकेट में 27 शतक ठोकने वाले इस स्टार बल्लेबाज को इंग्लैंड दौरे के लिए टीम में चुना गया था। लेकिन उन्हें डेब्यू का मौका नहीं मिला और फिर उन्हें वेस्टइंडीज के खिलाफ और अब दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भी टीम में नहीं चुना गया है।
बाएं हाथ के इस ओपनर को पहली बार 2019 में बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए बतौर रिजर्व ओपनर चुना गया था। बाद में उन्हें 2021 और 2022 में इंग्लैंड और बांग्लादेश दौरे के लिए भी टेस्ट स्क्वॉड में रखा गया, वह इंग्लैंड भी गए थे, लेकिन अब तक अपना पहला टेस्ट मैच नहीं खेल पाए।
ईश्वरन ने अबतक 103 फ़र्स्ट क्लास टेस्ट मैचों में 48.70 की शानदार औसत से 7841 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने 27 शतक और 31 अर्धशतक भी ठोके हैं। फ़र्स्ट क्लास वनडे की बात करें तो ईश्वरन ने 89 मैचों में 47.03 के औसत से 3857 रन बनाए हैं। इसके अलावा उन्होंने 34 टी20 मुक़ाबले भी खेले हैं। यहां उन्होंने 37.53 के औसत से 976 रन बनाए हैं।
Updated on:
06 Nov 2025 07:49 am
Published on:
06 Nov 2025 07:46 am
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