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ध्यान व आत्मचिंतन से जगाएं आंतरिक ऊर्जा : साध्वी

बेंगलूरु साध्वी संयमलता आदि ठाणा 4 शांतिनगर से विहार करके कोरमंगला पहुंचे। धर्मसभा में साध्वी संयमलता ने कहा कि भीतर की ऊर्जा का जागरण एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें हम अपने अंदर की शक्तियों को जागृत कर अपने जीवन को अधिक सार्थक और सफल बनाते हैं। यह एक ऐसा सफर है, जिसमें हम अपने आप […]

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बेंगलूरु

साध्वी संयमलता आदि ठाणा 4 शांतिनगर से विहार करके कोरमंगला पहुंचे। धर्मसभा में साध्वी संयमलता ने कहा कि भीतर की ऊर्जा का जागरण एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें हम अपने अंदर की शक्तियों को जागृत कर अपने जीवन को अधिक सार्थक और सफल बनाते हैं। यह एक ऐसा सफर है, जिसमें हम अपने आप को समझने, अपने लक्ष्यों को पहचानने और अपने सपनों को पूरा करने के लिए आवश्यक ऊर्जा और प्रेरणा प्राप्त करते हैं।साध्वी ने आंतरिक ऊर्जा को जागृत करने के कई तरीके बताते हुए कहा कि ध्यान और आत्मचिंतन ऐसे माध्यम हैं, जिनके द्वारा हम अपने मन को शांत कर अपने अंतर की आवाज को सुन सकते हैं। योग और व्यायाम से शरीर को स्वस्थ रखकर मन को ताजगी प्रदान की जा सकती है। हमारी सकारात्मक सोच भी हमें अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती है तथा चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करती है।इसके साथ ही हमें अपने सपनों को पहचानते हुए उन्हें पूरा करने हेतु प्रयत्नशील होना चाहिए, क्योंकि भीतर की ऊर्जा को जागृत करने का यह एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। साध्वी ने कहा कि भीतर की ऊर्जा हमें अपने जीवन को सार्थक और सफल बनाने में मदद करती है। यह हमें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक ऊर्जा और प्रेरणा प्रदान करती है।मौके पर विजयनगर सभा अध्यक्ष मंगल कोचर, कोषाध्यक्ष अशोक बाबेल, युवक परिषद से रौनक चौरडिया, राहुल कटारिया, आशुतोष नाहर, कमलेश मांडोत, जिग्नेश मेहता, ऋषि कोठारी, अभय कोठारी, अलका कोठारी, सुभाष डागा, सुधीर पोकरणा, जितेंद्र घोषल एवं मुकेश सुराणा उपस्थित रहे।