
बेंगलूरु
मुनि पुलकित कुमार, मुनि आदित्य कुमार ठाणा 2 के सानिध्य में नीड्स 3 अपार्टमेंट में आयोजित बन्नेरघट्टा ज्ञानशाला परिवार के विशिष्ट कार्यक्रम में डॉ मुनि पुलकित कुमार ने कहा कि ज्ञानशाला में बच्चों में धार्मिक ज्ञान के साथ संस्कार संवर्धन होता है। आधुनिक जीवन शैली एवं पढ़ाई के माहौल में प्राचीन संस्कारों को सुरक्षित रखना सभी श्रावकों की जिम्मेवारी है। धर्म संस्कृति को सुरक्षित रखने के लिए बच्चों को ज्ञानशाला भेजें।
मुनि ने बच्चों को जीवन में झूठ न बोलना, चोरी न करना तथा अनावश्यक हिंसा न करने का संकल्प करवाया। ज्ञानार्थी मनन कोठारी ने ज्ञानशाला के अनुभव सुनाए। लब्धि जैन ने कायोत्सर्ग प्रतिज्ञा तथा पूर्वी जैन ने भिक्षु अष्टकम सुनाया। नमन जैन ने अणुव्रत गीत तथा गीता व मालती बैगानी ने इर्यापथिक सूत्र की प्रस्तुति दी। नायरा ने 25 बोल के तीन बोल एवं चंदन कुमार बैंगानी ने गुरु वंदना को सुना कर सबका मन मोह लिया। अनाया ने कविता तथा ऋत्वी जैन ने प्रतिक्रमण का इर्यापथिक सूत्र प्रस्तुत किया। हृदय जैन ने भक्तामर स्तोत्र एवं प्रथम नीव जैन ने विचार व्यक्त किए। ज्ञानशाला की मुख्य प्रशिक्षिका अनीता दुगड ने संचालन किया। आभार ज्ञापन राखी धारीवाल तथा राजू देवी कोठारी तथा स्वागत उपासक विनोद कोठारी ने किया।तेरापंथ सभा गांधीनगर के अध्यक्ष पारसमल भंसाली, मंत्री विनोद छाजेड़ ने बच्चों को पारितोषिक दिया। बन्नेरघट्टा तेरापंथ सभा के संगठन मंत्री अनिल छाजेड़ व सह मंत्री विपुल दुगड़ ने बताया मुनि का बन्नेरघट्टा क्षेत्र में 13 दिवसीय प्रवास श्रावक समाज के लिए अत्यंत लाभकारी रहा। मौके पर अभयराज कोटेचा , मीडिया प्रभारी पीयूष डागा, शुभकरण डागा , प्रेक्षा संगीत सुधा से सुभाष डागा, साउथ जोन टीपीएफ से संजय सुराणा, विनोद कोठारी, गौरव कोठारी, विवेक बरडिया, राहुल डागा, बाबूलाल बैंगानी, कन्हैयालाल सिंघी, मनीष कोटेचा आदि उपस्थित थे।
Updated on:
23 Nov 2025 07:13 pm
Published on:
23 Nov 2025 07:12 pm
बड़ी खबरें
View Allधर्म-कर्म
धर्म/ज्योतिष
ट्रेंडिंग
