
-न्यू आदर्श बिहार सहित आधा दर्जन कालोनियों में उफान मार रहे चेम्बर
-2 करोड़ 20 लाख में चेम्बर सफाई का ठेका, लेकिन साफ-सफाई दूर तक नदारद
-चार माह पहले हो चुके हैं वर्क ऑर्डर, लेकिन स्थिति जस की तस
धौलपुर.लाख कोशिशों के बावजूद भी शहर के चौक सीवरों की सफाई नहीं हो पा रही, जबकि सफाई के लिए परिषद ने निजी कंपनी को 2 करोड़20 लाख का ठेका तीन सालों तक के लिए दे रखा है। जून माह में वर्क ओर्डर जारी होने के बाद भी अभी तक चेम्बरों की हालत बदतर है। आधा दर्जन कालोनियों में भारी जलभराव हो रहा है। जिनमें बाड़ी रोड़ स्थित न्यू आदर्श बिहार कालोनी में कई माह से पानी भरा हुआ है।
शहर की जलनिकासी व्यवस्था किसी से छुपी नहीं है। अतिक्रमण की मार और जिम्मेदार विभागों के जिम्मेदारों की निरंकुशता ने हालात को और बदतर बना दिया। गत दो वर्षों की अतिवृष्टि के कारण सारे जिले ने इसकी बानगी को देखा भी। इस दौरान दो दर्जन के करीब कालोनी जलमग्न हो गए। जिसके बाद परिषद ने सालों से साफ नहीं हुए चेम्बर और नालों की सफाई करने पर ध्यान दिया और शहर के चार क्षेत्रों के नालों की सफाई का ठेका जारी किया। जिनमें से कोठी क्षेत्र को छोड़ तीन क्षेत्र जिनमें जिरोली, गुलाब बाग और शहर के नालों का ठेका जारी कर इनकी साफ सफाई करवाई। तो वहीं चौक सीवरों को भी परिषद ने पहले खुद अपने स्तर से साफ करने की कोशिश की, लेकिन जून माह में शहर में बिछी 171 किमी लंबी सीवर लाइन के मेंटेनेंस का कार्य टेण्डर प्रक्रिया के माध्यम से ठेकेदार को सौंप दिया। टेण्डर 2 करोड़ २० लाख रुपए में किया गया है, जिसमें संवेदक 3 साल तक इन चेम्बरों की साफ-सफाई और मेंटेनेंस कार्य करेगा, लेकिन 16 जून को वर्क ओर्डर जारी होने के चार माह बाद भी चौक सीवरों की साफ सफाई में जमकर कोताही बरती जा रही है। यही कारण है कि अभी भी शहर की आधा दर्जन कालोनियों में सीवर उफान मार रहे हैं और लोगों की जिंदगी को नरक बनाए हुए हैं।
एनजीटी की एंट्री, फिर भी हालात बदतर
चौक चेम्बरों से उफान मारते पानी से सबसे ज्यादा बाड़ी रोड स्थित न्यू आदर्श नगर, सीताराम कालोनी, अयोध्या नगर, आनंद नगर, कृष्णा नगर, मनोहर विहार, शिवनगर पोखरा, राधाकृष्ण कोलोनी सहित कई कालोनियों के लोग अभी भी इस समस्या से जूझ रहे हैं। जलभराव समस्या मामले की गूंज जयपुर से लेकर दिल्ली तक पहुंच चुकी है। जलभराव से पर्यावरण प्रदूषण को नुकसान होने से इस मामले में एनजीटी की एंट्री हो चुकी है। जिसकी सुनवाई एनजीटी कोर्ट भोपाल में की जा रही है, लेकिन समस्या है कि जस की तस ही है। हालात यह हैं कि अभी भी कई कालोनियों और मोहल्लों में सीवरों का पानी भरा हुआ है। जो लोगों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है। लाख शिकायतों और कोशिशों के बावजूद परिषद इस समस्या का समाधान नहीं कर सकी है।
परिषद नहीं करती साफ-सफाई की मॉनिटरिंग
नगर परिषद ने टेण्डर के माध्यम से तीन साल का ठेका २ करोड़ २० लाख रुपए में दिया है। जिसमें डीजल के अलावा अन्य संसाधन ठेकेदार के ही होंगे, लेकिन संवेदक ने अभी तक किसी भी क्षेत्र के चौक चेम्बरों की सफाई ठीक से नहीं की है, जिस कारण समस्या यथावत है। तो वहीं नगर परिषद के मॉनिटरिंग के अभाव के कारण भी कार्य में प्रगति नहीं आ पा रही, नगर परिषद के आला अधिकारियों को को चाहिए कि वह चेम्बरों के सफाई कार्य की मॉनिटरिंग करे, जिससे लोगों को हो रही भारी समस्या से थोड़ा राहत तो मिल सके।
171 किमी सीवर लाइन का नेटवर्क
शहर में 171 किमी सीवर लाइन का नेटवर्क बिछा हुआ है। यह सीवर लाइन तब बिछाई गईं थी, तब शहर की आबादी मौजूदा आबादी से 40 प्रतिशत कम थी। आबादी कम होने की वजह से उस समय जहां इनमें छोटे पाइपों का उपयोग किया गया था तो वहीं सीवर लाइन में अध्यधिक मोड़ भी दे दिए गए थे। शहर की आबादी बढऩे के साथ इन चेम्बरों पर भी बोझ बढऩे लगा। सालों परिषद की बेरुखी के कारण यह चेम्बर धीरे-धीरे चौक हो गए। जिस कारण पिछले मानसून जलभराव के भंवर में लोगों की जिंदगी फंसी रह गई।
चौक चेम्बरों की साफ-सफाई का ठेका टेण्डर प्रक्रिया के माध्यम से दिया गया है। जिसकी मॉनिटरिंग भी की जाती है। ओंडेला रोड की मैन सीवर लाइन में परेशानी आ रही है। जिस कारण पानी का फ्लो ठीक से नहीं बन पाता और पानी पूर्ण रूप से निकल नहीं पाता, जिसे जल्द ही दुरुस्त कराएंगे।
-गुमान सिंह सैनी, एक्सइएन नगर परिषद
ओंडेला रोड पर मैन सीवर लाइन में लगे पाइप के अव्यवस्थित होने से पानी पास नहीं हो पा रहा है। जिस कारण थोड़ी समस्या आ रही है। नगर परिषद के सहयोग से जल्द ही इसको दूर करा रहे हैं। जिससे पानी की निकासी सही हो सके।
-राजेन्द्र फौजदार, संवेदक सीवर लाइन
Published on:
06 Nov 2025 06:23 pm
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