
- अनक्लेम्ड डिपॉजिट को असल दावेदार को सौंपने को आरबीआई चलाएगा अभियान
धौलपुर. देशभर की बैंक शाखाओं में करोड़ों रुपए की लावारिस जमा राशि (अनक्लेम्ड डिपॉजिट) पड़ी हुई है, जिसका बैंक के पास कई सालों से कोई दावा करने तक नहीं पहुंचा है। यानी यह बैंक खाते निष्क्रिय हो चुके हैं और इनकी संख्या सैंकड़ों में है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अब इस तरह के अनक्लेम्ड डिपॉजिट को उनके असल कानूनी वारिस को सौंपने के लिए प्रत्येक जिले में जल्द शिविर अभियान लगाने की योजना बनाई है। धौलपुर जिले में भी जिला कलक्टे्रट समेत कई स्थानों पर आगामी दिनों में शिविर लगाए जाएंगे। शिविरों को लेकर आरबीआई की ओर से दिशा-निर्देश और तिथि तय की जाएगी।
धौलपुर जिले में की सभी बैंकों में 95000 खाते निक्रिष्य पड़े हैं, जिनमें कई सालों से हलचल नहीं हुई है। अब आरबीआई ऐसे खाते धारकों के कानूनी वारिसों की तलाश कर उन्हें राशि सुपुर्द करेगा। जिले में निष्क्रिय पड़े खातों में करीब 19 करोड़ रुपए से अधिक की राशि है,जिनका अभी तक कोई दावेदार नहीं आाया है। बैंक खाते के साथ शाखाओं में एफडी भी पड़ी हैं।
78 हजार करोड़ राशि खातों में, नहीं आए दावेदार
देश की बैंकों में करोड़ों रुपए की राशि पड़ी है, जिनका कई सालों से कोई दावेदार नहीं आया है। जानकारी के अनुसार मार्च 2024 तक बैंकों के पास करीब 78 हजार करोड़ की राशि कुछ ऐसी थी, जिनका कोई दावेदार बैंक तक नहीं पहुंचा। वहीं, इसमें देश के अन्य वित्तीय संस्थाओं को भी जोड़ लें तो यह राशि करीब 1.84 लाख करोड़ से अधिक की बताई जा रही है। वल्र्ड बैंक की साल 2021 में आई एक रिपोर्ट के अनुसार देश में हर 3 में से एक बैंक एकाउंट निष्क्रिम पड़ा है। इसमें मुख्य वजह अनक्लेम्ड डिपॉजिट बैंक खातों के खाता धारकों की अचानक मृत्यु के बाद किसी नॉमिनी ने बैंक में दावा नहीं किया। या खाते में नॉमिनी ही नहीं था, जिससे खाता बाद में निष्क्रिय हो गया।
जिले में 3 बैंकों में ही 18 करोड़ रुपए की राािश
जिले में ज्यादातर सभी बैंक शाखओं में अनक्लेम्ड डिपॉजिट है। लेकिन जिले की लीड बैंक पंजाब नेशनल बैंक, राजस्थान ग्रामीण और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखाओं में करीब 85000 बैंक खाते हैं जिनमें करीब 17.5 करोड़ रुपए की राशि अनक्लेम्ड है। जिले में वर्तमान में करीब 78 विभिन्न बैंकों की शाखाएं हैं। जिसमें कॉपरेटिव, केन्द्रीय और अन्य भी शामिल हैं।
आरबीआई उठा रही कदम
हाल में प्रदेश में आरबीआई की बैंकर्स के साथ बैठक हुई। जिसमें भी यह मामला उठा था। अब आरबीआई ने 1 नवंबर 2025 से बैंक खातों और लॉकर के लिए अधिकतम चार नॉमिनी बनाने का नया नियम लागू शुरू किया है। जिससे आगे खातों को निष्क्रिय होने से रोका जा सके और जिनका पैसा है, उसे मिल सके। वहीं, आरबीआई दावा प्रक्रिया को भी आसान बना रहा है। जिससे जो व्यक्ति कानूनी वारिस है, उसे राशि मिल सके। वहीं, कुछ बैंक अब वेबसाइटों पर निक्रिष्य खातों की सूची भी ऑनलाइन करने लगे हैं। हालांकि, अभी यह सीमित है।
मूल खाताधारक जोड़े कर सकेगा 4 नॉमिनी
आरबीएम के नए नियमों के तहत अब बैंक में खाताधारक चार नॉमिनी जोड़ सकेंगे। इससे बैंकिंग सिस्टम में नॉमिनेशन की प्रक्रिया आसान होगी और क्लेम सेटलमेंट में दावेदारों को परेशानी नहीं होगी। अब किसी अकाउंट होल्डर की अचानक मृत्यु हो जाए तो अब अकाउंट में पड़ा पैसा अन्य नॉमिनी सदस्यों को मिल सकेगा। वहीं, जमाकर्ता पसंद के अनुसार एक साथ या बारी-बारी से नॉमिनी का विकल्प चुन सकेगा। यानी बची में भी नॉमिनी बना सकते हैं अगर पहले से चार नहीं हैं तो। हालांकि, सुरक्षित अभिरक्षा में रखी वस्तुओं और लॉकरों के लिए केवल बारी-बारी से नॉमिनी की ही अनुमति होगी।
- आरबीआई के दिशा निर्देश के अनुसार कैम्प लगाए जाएंगे। जिससे निष्क्रिय बैकों की राशि को उसके असम दावेदार को दी जा सके। जिले में सभी बैकों में करीब 19 करोड़ रुपए की इस तरफ की राशि है, जिनका सालों से कोई क्लेम करने नहीं आया है।
- मंगेश कुमार, अग्रणी जिला प्रबंधक पीएनबी
Published on:
18 Nov 2025 06:34 pm
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