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शरद महोत्सव मेला: मेला में गोवंशों का जमावड़ा…आमजन को कर रहे चोटिल

शरद महोत्सव मेला में लोगों की संख्या में इजाफा होने के साथ मेले की रौनक धीरे-धीरे बढऩे लगी है, लेकिन अभी भी मेले में चहुंओर अव्यवस्था फैली हुई हैं। सैलानियों को सबसे ज्यादा परेशानी मेला प्रांगण में विचरण करते निराश्रित गो वंशों से हो रही है। जो सैलानियों को घायल कर रहे हैं। तो वहीं स्व चलित टॉयलेट में सीढिय़ां नहीं लगाने से महिलाएं परेशान हो रही हैं।निराश्रित गोवंश से जहां राहगीर और वाहन चालक परेशान हैं वहीं शरद मेला में घूमने आने वाले सैलानियों को भी यह गोवंश चोटिल कर रहा है।

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शरद महोत्सव मेला: मेला में गोवंशों का जमावड़ा...आमजन को कर रहे चोटिल Sharad Mahotsav Fair: Gathering of cattle in the fair... injuring common people

-गत पांच दिनों में तीन से चार सैलानियों को कर चुके हैं चोटिल

-नगर परिषद नहीं दे रहा ध्यान, सैलानी और दुकानदारों में डर

धौलपुर. शरद महोत्सव मेला में लोगों की संख्या में इजाफा होने के साथ मेले की रौनक धीरे-धीरे बढऩे लगी है, लेकिन अभी भी मेले में चहुंओर अव्यवस्था फैली हुई हैं। सैलानियों को सबसे ज्यादा परेशानी मेला प्रांगण में विचरण करते निराश्रित गो वंशों से हो रही है। जो सैलानियों को घायल कर रहे हैं। तो वहीं स्व चलित टॉयलेट में सीढिय़ां नहीं लगाने से महिलाएं परेशान हो रही हैं।निराश्रित गोवंश से जहां राहगीर और वाहन चालक परेशान हैं वहीं शरद मेला में घूमने आने वाले सैलानियों को भी यह गोवंश चोटिल कर रहा है। पिछले तीन दिनों में यह गोवंश तीन से चार लोगों को अपना शिकार बना चुका है। जिनमें दो मासूम बच्चे भी शामिल हैं। शनिवार को भी जहां वीकेंड होने के कारण मेला में अच्छी खासी लोगोंं की भीड़ थी, वहीं निराश्रित गोवंश का भी जमावड़ा देखने को मिला। मेला प्रांगण एक दो नहीं बल्कि एक दर्जन से ज्यादा निराश्रित गोवंश इधर-उधर घूमते या फिर झुण्ड में बैठे नजर आ जाएंगे। मेला में आए दुकानदारों और सैलानियों का कहना है कि निराश्रित गोवंश मेला के अंदर घूमते रहते हैं, जिनसे सदा हमले का डर लगा रहता है। कई बार तो यह घूमते-घामते दुकान में मुंह मार देते हैं। गत रोज छोटे बच्चों को भी इन निराश्रित गोवंश ने अपनी चपेट में ले लिया, लेकिन इतना कुछ होने के बावजूद भी नगर परिषद का ध्यान इन निराश्रित गोवंश पर नहीं है जो आए दिन मेला में सैलानियों को चोटिल कर रहे हैं। इसके अलावा मेला में परिषद ने दो स्व चलित टॉयलेटों की व्यवस्था की है। जिसमें से स्टेज के पीछे रखी है, तो वहीं दूसरी टाउन हॉल के पीछे रखी है। हालांकि स्टेज वाली टॉयलेज में सीढिय़ा तो लगा दी गई हैं, लेकिन टाउन हॉल वाली टॉयलेट में सीढिय़ां नहीं लगी हैं, जिस कारण टॉयलेट का इस्तेमाल करने वाले परेशान हो रहे हैं।

स्टेज के सामने गोवंश का अधिक जमावड़ा

मेला ग्राउण्ड इन दिनों शरद महोत्सव मेला का आयोजन किया जा रहा है। जिसमेें लोगों का जमावड़ा भी बढऩे लगा है, लेकिन मेले में लोगों के साथ निराश्रित गोवंश की भी तादात अच्छी खासी हो गई है। जो कि झुण्ड के झुण्ड बनाकर मेला प्रांगण में घूम रहे हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए बनाई गई स्टेज के सामने दर्जन भर गोवंश विचरण करते या बैठे हुए मिल जाएंगे। जो मौका पाते ही कुछ खाने की चाहत में दुकानों की ओर चले आते हैं।

प्यास लगी...तो बोतलबंद पानी ही खरीदना होगा

नगर परिषद ने दुकानदारों को पानी उपलब्ध कराने के लिए ठेका दे रखा है। जो टेंकर के माध्यम से पानी पहुंचाया जाता है, लेकिन परिषद ने लोगों के लिए कोई पानी की व्यवस्था नहीं की है। जिससे लोग दोपहर की हल्की धूप में बिना पानी के ही सूखे कंठों से घूमते हैं। अगर किसी लोगों को पानी पीना है तो उसके बोतल का पानी खरीदकर ही अपनी प्यास बुझानी होगी। इस कारण जो मध्यम वर्ग के सैलानी होते हैं वह बार-बार बोतल खरीदकर अपनी प्यास बुझाने में असमर्थ हो जाते हैं।

कुछ दिन ही चल सका गोवंश पकडऩे का कार्य

नगर परिषद ने गत दिनों शहर और हाइवों से निराश्रित गोवंश को पकडऩे का ठेका भी दिया था। जिसके बाद संवेदक ने चार से पांच दिनों तक कार्य भी किया था और शहर से पकड़े गए गोवंश को गौशाला सहित अन्यंत्र जगहों पर छोड़ा भी गया, लेकिन निराश्रित गोवंश की संख्या अधिक होने के बाद शहर से पकड़े जाने वाले गोवंशों के लिए न तो नगर परिषद और न जिला प्रशासन कोई उचित स्थान तय कर पाया। जिसके कारण कुछ दिनों बाद संवेदक ने निराश्रित गांवेश को पकडऩे का काम बंद कर दिया।

मेला मेंं निराश्रित गोवंश को नहीं आने देने की व्यवस्था की गई है, यदि फिर भी मेला में गोवंश है तो उन्हें जल्द ही पकडक़र बाहर किया जाएगा, एवं टॉयलेट में सीढिय़ां भी जल्द लगाई जाएगी। जिससे किसी सैलानी को परेशानी न हो।

-प्रकाश श्रीवास्तव, सीएसआई नगर परिषद धौलपुर