
Top 10 Most Illiterate Countries in the World (Image: Freepik)
Most Illiterate Countries: दुनिया डिजिटल हो रही है, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जमाना है। लेकिन शिक्षा के मोर्चे पर आज भी कई देश बेहद पीछे हैं। साल 1820 में जहां दुनिया की सिर्फ 12% आबादी पढ़ना-लिखना जानती थी वहीं आज 87% लोग साक्षर हैं। विकसित देश 100% साक्षरता के करीब पहुंच चुके हैं वहीं दूसरी ओर अफ्रीका और एशिया के कुछ देश अब भी अशिक्षा की जंजीरों में जकड़े हुए हैं।
Worldatlas की रिपोर्ट के मुताबिक, चाड, माली और बुर्किना फासो जैसे देश दुनिया के सबसे कम साक्षर देशों में गिने जा रहे हैं। वहीं, अफगानिस्तान और पाकिस्तान जैसे एशियाई देश भी इस लिस्ट में नीचे की रैंकिंग पर हैं। चलिए जानते हैं दुनिया के ऐसे 10 देशों के बारे में जो पढ़ाई के मामले में आज भी फिसड्डी हैं, साथ ही यह भी जानेंगे पाकिस्तान की क्या रैंकिंग है।
| रैंक | देश | साक्षरता दर |
|---|---|---|
| 1 | चाड (Chad) | 27.28% |
| 2 | माली (Mali) | 30.76% |
| 3 | बुर्किना फासो (Burkina Faso) | 34.49% |
| 4 | दक्षिण सूडान (South Sudan) | 34.52% |
| 5 | अफगानिस्तान (Afghanistan) | 37.27% |
| 6 | सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक (Central African Republic) | 37.49% |
| 7 | नाइजर (Niger) | 38.10% |
| 8 | सोमालिया (Somalia) | 41.02% |
| 9 | गिनी (Guinea) | 45.33% |
| 10 | बेनीन (Benin) | 47.10% |
रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान 58% साक्षरता दर के साथ इस सूची में 17वें स्थान पर है। इसका मतलब है कि देश की लगभग आधी आबादी अभी भी पढ़ना-लिखना नहीं जानती है।
शिक्षा की कमी का सबसे बड़ा कारण गरीबी, असमानता और भ्रष्टाचार है। वहीं, ग्रामीण इलाकों में शिक्षा तक सीमित पहुंच और महिला साक्षरता दर की गिरावट भी स्थिति को और खराब बना रही है।
उप-सहारा अफ्रीका के देशों में तो हालात और भी गंभीर हैं। यहां हर तीन में से एक व्यक्ति पढ़ना या लिखना नहीं जानता है। सरकारों के पास संसाधनों की कमी, सामाजिक असमानता और संघर्षों ने शिक्षा व्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है।
जिन देशों में शिक्षा का स्तर ऊंचा है वहां आर्थिक विकास और जीवन स्तर दोनों में सुधार देखा गया है। वहीं जिन देशों में साक्षरता दर कम है वहां गरीबी, बेरोजगारी और अपराध दर ज्यादा है।
दुनिया भले ही टेक्नोलॉजी और AI के युग में पहुंच चुकी हो लेकिन जब तक हर व्यक्ति शिक्षित नहीं होता तब तक असली विकास अधूरा रहेगा।
Published on:
08 Nov 2025 05:33 pm
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