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2 करोड़ रिश्वत मांगने के मामले में BSA सस्पेंड, एंटी करप्शन कोर्ट के आदेश पर तीन के खिलाफ दर्ज हुआ था केस

बीएसए अतुल तिवारी पर 2.25 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने का गंभीर आरोप लगा है। ठेकेदार की शिकायत सीएम योगी तक पहुंचते ही सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया। अब पूरे मामले की विभागीय जांच शुरू हो गई है।

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Gonda

बेसिक शिक्षा अधिकारी गोंडा फोटो सोर्स पत्रिका

योगी सरकार ने गोंडा के बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) अतुल कुमार तिवारी को निलंबित कर दिया है। उन पर फर्नीचर सप्लाई टेंडर के बदले करीब 2.25 करोड़ रुपये का कमीशन मांगने का गंभीर आरोप लगा था। मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचने के बाद उन्होंने तुरंत सख्त कार्रवाई के आदेश दिए।

मामला फर्नीचर सप्लाई फर्म के ठेकेदार मनोज कुमार पांडेय से जुड़ा है। जिन्होंने अतुल तिवारी समेत दो अन्य अधिकारियों—विद्याभूषण मिश्रा और प्रेम शंकर मिश्रा पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाते हुए कोर्ट में शिकायत की थी। आरोप है कि बीएसए ने 22 लाख रुपये अग्रिम लेने के बावजूद काम नहीं किया। ठेकेदार का दावा है कि टेंडर मंजूरी के बदले 15% कमीशन यानी लगभग 15 करोड़ के टेंडर पर 2.25 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी गई थी।

डीएम की रिपोर्ट पर शासन ने किया सस्पेंड

कोर्ट ने शिकायत को गंभीर मानते हुए 2 नवंबर 2025 को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। इसके बाद डीएम की रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भेजी गई। जिस पर कार्रवाई करते हुए बीएसए को सस्पेंड कर दिया गया। विभाग के संयुक्त सचिव वेद प्रकाश राय ने निलंबन आदेश जारी किया है।

लखनऊ मंडल मुख्यालय से हुए अटैच, आरोप को बताया निराधार

वर्तमान में अतुल तिवारी को लखनऊ मंडल मुख्यालय से अटैच किया गया है। उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू हो गई है। जांच की जिम्मेदारी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक को सौंपी गई है। अतुल तिवारी ने सभी आरोपों को निराधार बताया है। उनका कहना है कि उन्होंने किसी से कोई पैसा नहीं लिया। ठेकेदार ने गलत दस्तावेजों से टेंडर प्रक्रिया में भाग लिया था। गौरतलब है कि अतुल तिवारी मूल रूप से अंबेडकरनगर के रहने वाले हैं। वर्तमान समय में गोंडा के गायत्री पुरम में रहते हैं। 26 मार्च 2022 से 1 जुलाई 2024 तक वे डीआईईटी दर्जीकुआं में वरिष्ठ प्रवक्ता थे। जिसके बाद उन्हें गोंडा का बीएसए बनाया गया था।