
IIIT Prayagraj Project: जयपुर. साइबर आतंकवाद के साये में भारत की सुरक्षा को मजबूत करने वाला एक क्रांतिकारी कदम उठने वाला है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (ट्रिपल आईटी) प्रयागराज के एक्सपर्ट्स एक एआई-बेस्ड सॉफ्टवेयर विकसित करने जा रहे हैं, जो आतंकी धमकियों की जड़ तक पहुंच जाएगा।
केंद्र सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी ने इसके लिए 4.73 करोड़ रुपए का बजट मंजूर कर दिया है। यह देश का पहला ऐसा सिस्टम होगा, जो दुनिया के किसी भी कोने से आने वाली धमकियों को तुरंत ट्रैक कर सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट भेजेगा।
सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रोफेसर बृजेंद्र सिंह के नेतृत्व में शुरू हो चुके इस प्रोजेक्ट से साइबर टेररिज्म को चुटकियों में नाकाम किया जा सकेगा। प्रो. सिंह के अनुसार, "आजकल बम ब्लास्ट या अन्य धमकियां साइबर रूट से आ रही हैं। पुराने तरीकों से जांच में समय और संसाधन बर्बाद होते हैं, फेक कॉल्स से अफरा-तफरी मचती है। हमारा एजेंटिक एआई सिस्टम लार्ज लैंग्वेज मॉडल पर आधारित होगा, जो नॉर्मल ट्रैफिक से लेकर डार्क वेब तक सब मॉनिटर करेगा। धमकी की लोकेशन, आईपी ट्रेसिंग और अपराधिक कुंडली सब रीयल-टाइम में मिलेगी।
"तीन साल के इस मिशन के लिए ट्रिपल आईटी में 2 करोड़ की लागत से जीपीयू लैब स्थापित हो रही है। पांच साइबर स्पेशलिस्ट एक्सपर्ट्स तैनात होंगे, जबकि टेस्टिंग के लिए बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से सहयोग लिया जाएगा। प्रो. सिंह जोर देते हैं, "यह सिस्टम न केवल धमकीदाता को पकड़ेगा, बल्कि फर्जी सूचनाओं से होने वाले डर को भी रोकेगा। भारत की डिजिटल सीमाओं पर यह एआई दीवार बनेगा।"यह प्रोजेक्ट साइबर सुरक्षा में भारत को ग्लोबल लीडर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। ट्रिपल आईटीप्रयागराज की यह पहल उम्मीद जगाती है कि टेक्नोलॉजी से 'सुरक्षित भारत' का सपना साकार होगा।
Updated on:
16 Nov 2025 03:32 pm
Published on:
16 Nov 2025 03:31 pm
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