
गागरडू बांध के पास निर्माणाधीन सीएचसी भवन, पत्रिका फोटो
Gagardu CHC controversy: जयपुर. दूदू उपखंड के गागरडू में पीएचसी से क्रमोन्नत हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के नए भवन के निर्माण में बड़ी खामियां अभी से सामने आने लगी हैं। रहलाना रोड पर ही अस्पताल का निर्माण कराया गया तो यह हजारों लोगों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। जब पुराने सीएचसी भवन के पास छोटे नाले को मानसून में खतरा बताते हुए अधिकारियों ने निर्माण पर आपत्ति जताई थी तो इसके विपरीत निर्माणाधीन इस नए भवन को हनुमान सागर बांध की चादर के पास इसे 'उपयुक्त' बताकर निर्माण शुरू करा दिया।
पत्रिका पड़ताल में सामने आया कि यह निर्माण सुरक्षा मानकों से कोसो दूर है। यदि मानसून के दौरान तेज बारिश होने के बाद हनुमान सागर बांध की पाल को नुकसान पहुंचा या बांध ओवरफ्लो होकर बाढ़ जैसे हालात हुए तो अस्पताल भी इसकी चपेट में आएगा। जिससे अस्पताल में भर्ती मरीज, परिजन, चिकित्सक, कर्मचारी हादसे का शिकार हो सकते हैं।
रहलाना रोड पर सीएचसी भवन का काम तेजी से चल रहा है, वहां पीछे महज 50 फीट की दूरी पर नीमड़ी की नाडी है, जहां जलभराव है। वहीं 9.6 फीट भराव क्षमता वाले हनुमान सागर बांध की दूरी करीब 300 मीटर है। इस बांध के पानी से 3 गांवों की हजारों बीघा भूमि सिंचित की जाती है।
सीएचसी का निर्माण बांध जैसे जलभराव वाले जलस्रोत के इतने पास करना सुरक्षा मानकों और नियमों पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। ऐसे में यहां हमेशा सीलन व हादसे का खतरा बना रहेगा। लोगों का कहना है कि मापदंडों का उल्लंघन कर बनाया जा रहा भवन कुछ ही साल में क्षतिग्रस्त हो जाएगा। यहां बजरी की जगह डस्ट काम में ली जा रही है। ऐसे में यह भवन कितने दिन टिक पाएगा, फिलहाल इस पर संशय है।
भवन निर्माण विवाद सामने आने के बाद दूदू एडीएम गोपाल परिहार व तहसीलदार मदन परमार सोमवार को गागरडू गांव पहुंचे और पुराने सीएचसी भवन के रिकॉर्ड की जांच की। साथ ही नए भवन के निर्माण कार्य का जायजा भी लिया। इस दौरान ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप करने और नए भवन के निर्माण स्थल की सुरक्षा की उच्च-स्तरीय जांच की मांग की।
गागरडू में पुराने सीएचसी व नए निर्माणाधीन भवन का जायजा लिया है। एसडीएम व तहसीलदार से नए भवन निर्माण स्थल के बारे में रिपोर्ट मांगी है। जो जिला कलक्टर को भेजी जाएगी। ग्रामीण नए भवन निर्माण को लेकर विरोध जता रहे हैं। बाढ़ के संभावित खतरों पर भी विचार किया जाएगा।
गोपाल परिहार, एडीएम, दूदू
Updated on:
18 Nov 2025 01:15 pm
Published on:
18 Nov 2025 01:01 pm
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