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काम की गुणवत्ता से सांसद-विधायक भी नाराज, 185 से ज्यादा शिकायतें मिली

राज्य में भले ही सरकार बदले डेढ़ वर्ष से ज्यादा समय हो गया है, लेकिन जल जीवन मिशन भ्रष्टाचार व वित्तीय अनियमितताओं से नहीं उभर पा रहा है। मिशन के तहत निर्माणाधीन हजारों करोड़ की छोटी-बड़ी पेयजल परियोजनाओं की (ओटीएमपी-स्पेशल प्रोजेक्ट) गुणवत्ता को लेकर प्रदेश के सांसद व विधायक संतुष्ट नहीं है और वे लगातार विभाग के उच्च अधिकारियों को शिकायतें दे रहे हैं।

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जयपुर

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GAURAV JAIN

Aug 31, 2025

जल जीवन मिशन: सांसद-विधायकों ने बड़ी पेयजल परियोजनाओं में गुणवत्ता को लेकर 66 व छोटी पेयजल परियोजनाओं की 120 शिकायतें दी

33 शिकायतों की जांच पूरी, दोषी इंजीनियरों, फर्मों पर अब तक कार्रवाई का इंतजार

जयपुर.

राज्य में भले ही सरकार बदले डेढ़ वर्ष से ज्यादा समय हो गया है, लेकिन जल जीवन मिशन भ्रष्टाचार व वित्तीय अनियमितताओं से नहीं उभर पा रहा है। मिशन के तहत निर्माणाधीन हजारों करोड़ की छोटी-बड़ी पेयजल परियोजनाओं की (ओटीएमपी-स्पेशल प्रोजेक्ट) गुणवत्ता को लेकर प्रदेश के सांसद व विधायक संतुष्ट नहीं है और वे लगातार विभाग के उच्च अधिकारियों को शिकायतें दे रहे हैं। पेयजल परियोजनाओं में गुणवत्ता को लेकर 140 शिकायतें विभाग के आला अफसरों को मिली हैं। बडी़ पेयजल परियोजनाओं से जुडी़ 40 शिकायतों की तो जांच भी पूरी हो चुकी है, लेकिन कार्रवाई का इंतजार है।

गुणवत्ता के साथ वित्तीय अनियमितताएं भी खूब

जल जीवन मिशन की पेयजल परियोजनाओं में गुणवत्ता के साथ वित्तीय अनियमितताएं भी खूब हो रही हैं। सांसद-विधायकों की ओर से गुणवत्ता के साथ ही ठेकेदारों व फर्मों को करोड़ों के भुगतान में वित्तीय अनियमितताओं की शिकायतें भी विभाग को मिल चुकी हैं। परियोजनाओं में वित्तीय अनियमितताओं की 30 से ज्यादा शिकायतें बताई जा रही हैं।

33 में जांच पूरी, ठेकेदार, फर्मों पर कार्रवाई नहीं

हजारों करोड़ रुपए की लागत वाली बड़ी पेयजल परियोजनाओं में गुणवत्ता व वित्तीय अनियमितताओं को लेकर मिली 33 शिकायतों की जांच महीनों पहले पूरी हो चुकी है। लेकिन गुणवत्ता व वित्तीय अनियमितताओं के दोषी इंजीनियरों, ठेकेदार व फर्मों के खिलाफ कोई कार्रवाई अभी तक नहीं हुई है।

छोटी परियोजनाएं: 82 में जांच शुरू, लेकिन 58 लंबित

करोड़ों रुपए की लागत की छोटी पेयजल परियोजनाओं में गुणवत्ता व वित्तीय अनियमितताएं खूब हो रही हैं, लेकिन शिकायतें मिलने के बाद इनकी जांच कछुआ गति से चल रही है। सांसद-विधायकों की ओर से मिली 108 शिकायतों पर कार्रवाई शुरू करते हुए 82 शिकायतों की जांच शुरू की गई, लेकिन इनमें से 58 शिकायतों की जांच विभाग के आला अफसरों की टेबलों पर लंबित हैं।

छोटी पेयजल परियोजनाओं की गुणवत्ता की शिकायतें

कोटा-35

बारां-23

करौली-23

उदयपुर-4

भरतपुर-3

जयपुर-3

डीग-2

गंगानगर-2

बांसवाड़ा-2

कोटपूतली-बहरोड़-1

ठेकेदार-ठेकाफर्मों के खिलाफ शिकायतें

बडी़ पेयजल परियोजाएं-

11

छोटी पेयजल परियोजनाएं

बांरा-13

उदयपुर-2

खेरथल-तिजारा-2

दौसा-4

जयपुर-2